रमजान में फैशन शो! गुलमर्ग में आयोजन पर बवाल, उमर अब्दुल्ला ने तलब की रिपोर्ट
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हाल ही में आयोजित एक फैशन शो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस कार्यक्रम में मॉडल्स को बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड कपड़ों में रैंप वॉक करते दिखाया गया, जिससे स्थानीय धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। खासतौर पर रमजान के पवित्र महीने में इस तरह के आयोजन से जनता में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर इस शो की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद विवाद और गहरा गया है।
कश्मीर में नशा और फैशन के नाम पर सांस्कृतिक हमला?
कश्मीर में बढ़ते नशे और फैशन इंडस्ट्री को लेकर कई स्थानीय लोग इसे एक बड़ी साजिश के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र से इस्लामिक संस्कृति और सूफी परंपरा को मिटाया जा सके। इस पूरे विवाद को सांस्कृतिक युद्ध का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें कश्मीर की युवा पीढ़ी को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
यही वजह है कि रमजान जैसे पाक महीने में जब कश्मीरी मुसलमान इबादत में लीन होते हैं, उसी दौरान इस तरह के अश्लील आयोजनों को बढ़ावा दिया जाता है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का सख्त रुख
विवाद बढ़ने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आयोजन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है और कहा है कि स्थानीय संवेदनशीलता की अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने इस आयोजन को अस्वीकार्य करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कश्मीर की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं की अनदेखी कर इस तरह का आयोजन किया जाना गलत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
हुर्रियत और अन्य संगठनों का विरोध
हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी इस फैशन शो पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, “रमजान के दौरान गुलमर्ग में इस तरह का आयोजन निंदनीय है। कश्मीर अपनी सूफी-संत संस्कृति और धार्मिक मूल्यों के लिए जाना जाता है, ऐसे में इस तरह की अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोजकों और प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट ने भी इस आयोजन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पर्यटन विभाग और गुलमर्ग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
फैशन शो का उद्देश्य और विवाद की जड़
बता दें कि यह फैशन शो 7 मार्च को गुलमर्ग में आयोजित हुआ था और इसे एक प्रतिष्ठित डिजाइनर लेबल के तहत आयोजित स्की फेस्टिवल का हिस्सा बताया जा रहा है। आयोजकों के अनुसार, इसका उद्देश्य कश्मीर को वैश्विक फैशन इंडस्ट्री में प्रमोट करना था, लेकिन स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इसे संस्कृति पर हमला करार दिया है।
विवाद का मुख्य कारण यह है कि इस फैशन शो में अर्धनग्न मॉडल्स को प्रस्तुत किया गया, जिसे कश्मीर की पारंपरिक पोशाक फिरन और अन्य सांस्कृतिक परिधानों से बिल्कुल अलग माना गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि फिरन जैसी पहचान को खत्म कर पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
कश्मीर में बढ़ता ड्रग्स और फैशन कल्चर: खतरा या साजिश?
सिर्फ फैशन शो ही नहीं, बल्कि कश्मीर में बढ़ते ड्रग्स कल्चर को लेकर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। कुछ लोगों का आरोप है कि यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि कश्मीरी युवाओं को नशे और पश्चिमी प्रभाव में फंसाया जा सके।
यदि सरकार ने समय रहते इस साजिश को बेनकाब नहीं किया, तो कश्मीर न केवल नशे की गिरफ्त में चला जाएगा, बल्कि फैशन के नाम पर अश्लीलता भी कश्मीरी समाज पर हावी हो जाएगी।
निष्कर्ष
गुलमर्ग फैशन शो को लेकर कश्मीर में उठे विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह सिर्फ एक ग्लोबल इवेंट था या फिर कश्मीर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर सुनियोजित हमला? मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सख्त रुख अपनाया है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रह जाएगा।