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केंद्र सरकार के वक्फ एक्ट के खिलाफ सीकर में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन

अशफाक कायमखानी, सीकर, नई दिल्ली

केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों से संबंधित नए वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को संसद में पास करने की प्रक्रिया के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के आह्वान पर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में राजस्थान के सीकर में भी मस्जिदों में नमाजियों ने अपने दाहिने बाजू पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया।

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विरोध का स्वरूप और कारण

सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके नया वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पेश किया गया है। इस विधेयक में कई प्रावधानों को संशोधित किया गया है, जिसका मुस्लिम समाज और धार्मिक संस्थाओं द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। उनका मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।

AIMPLB के आह्वान पर रमज़ान के आखिरी शुक्रवार, जिसे जुमा-तुल-विदा कहा जाता है, के अवसर पर देशभर के मस्जिदों में लाखों नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर इस विधेयक का विरोध जताया। विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने इसे असंवैधानिक बताते हुए सरकार से तत्काल इस विधेयक को वापस लेने की मांग की।

देशभर में विरोध की लहर

देश के विभिन्न राज्यों में भी इस कानून के खिलाफ व्यापक विरोध देखने को मिला:

  • महाराष्ट्र (नागपुर): रमज़ान 2025 के आखिरी शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोगों ने जुमा-तुल-विदा की नमाज अदा की और विरोध जताया।
  • मध्य प्रदेश (भोपाल): हजारों की संख्या में लोग मस्जिदों में जमा हुए और काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की।
  • बिहार (पटना): AIMPLB की अपील पर नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
  • तेलंगाना (हैदराबाद): बड़ी संख्या में लोगों ने जुमा-तुल-विदा की नमाज पढ़ी और सरकार से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की।
  • कर्नाटक (बेंगलुरु): जुमा-तुल-विदा के दौरान लोगों ने शांतिपूर्ण विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधी।

AIMPLB का बयान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्दिदी ने कहा,

“आज रमज़ान के आखिरी जुमा यानी जुमा-तुल-विदा के दिन करोड़ों भारतीय मुसलमानों ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। मुसलमान इस बिल को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि वह इस असंवैधानिक बिल को तुरंत वापस ले।”

सरकार का पक्ष और आगे की रणनीति

सरकार इस विधेयक को संसद में पास कराने की प्रक्रिया में तेजी ला रही है। सरकार का दावा है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी बनाने और अनियमितताओं को रोकने के लिए किया गया है। हालांकि, मुस्लिम समाज इसे वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने और उनसे जुड़े अधिकारों को खत्म करने की साजिश के रूप में देख रहा है।

AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है, तो विरोध प्रदर्शन और तेज किए जाएंगे। आने वाले समय में देशव्यापी धरने, ज्ञापन और कानूनी उपायों पर विचार किया जा रहा है।

काबिल ए गौर

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर मुस्लिम समाज में असंतोष बढ़ता जा रहा है। जुमा-तुल-विदा के मौके पर देशभर में हुए विरोध प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि समुदाय इस विधेयक को लेकर गंभीर चिंताओं से घिरा हुआ है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विरोध को किस तरह से संबोधित करती है और क्या कोई समाधान निकालती है या नहीं।