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वक्फ अधिनियम अन्यायपूर्ण –1 5 देशों के राजदूतों के सामने ईद मिलन मंच से जमाअत अध्यक्ष का सख्त संदेश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,.नई दिल्ली

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक भव्य ईद मिलन समारोह का आयोजन किया, जिसमें सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक और कूटनीतिक जगत की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस आयोजन का उद्देश्य त्योहारों के माध्यम से सामाजिक एकता, अंतरधार्मिक सौहार्द और न्यायप्रिय समाज के निर्माण का संदेश फैलाना था।

इस भव्य आयोजन में 15 से अधिक देशों के दूतावासों के प्रतिनिधि, विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु, सांसद, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के नेता, शिक्षाविद, मीडिया हस्तियां, और अन्य प्रतिष्ठित जन शामिल हुए। समारोह में कुल मिलाकर करीब 350 गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति दर्ज़ की गई।


🎙️ जमाअत के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी का प्रेरणादायी संबोधन

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अपने संक्षिप्त किंतु सारगर्भित संबोधन में त्योहारों की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा:

“त्योहार समाज को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वर्तमान में कुछ शक्तियां इन्हें विभाजन का औजार बना रही हैं।”

उन्होंने कहा कि आज की स्थिति ऐसी बन गई है कि लोग त्योहारों से डरने लगे हैं, जबकि इनका मूल उद्देश्य आपसी मेलजोल, संवाद और समरसता को बढ़ावा देना है। उन्होंने ईद मिलन जैसे आयोजनों को अत्यंत आवश्यक बताया और कहा कि:

“त्योहार जोड़ने वाले पुल हैं, दीवारें नहीं। समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाने और साझा संघर्ष के लिए यह एक सकारात्मक मंच बन सकते हैं।”


📌 वक्फ अधिनियम पर सख्त रुख: “यह कानून अन्यायपूर्ण है”

अपने भाषण के दौरान वक्फ अधिनियम का उल्लेख करते हुए हुसैनी ने कहा कि यह कानून धार्मिक भेदभाव पर आधारित है और इससे सामाजिक विभाजन और अन्याय को बल मिलता है। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि:

“पूरे देश को एकजुट होकर इस अधिनियम के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। यह केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि संविधानिक न्याय और समानता का सवाल है।”


🌍 फिलिस्तीन मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों से अपील

इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों से फिलिस्तीनी मुद्दे पर सकारात्मक और रचनात्मक हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा:

“दुनिया के हर देश और हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि फिलिस्तीन में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खड़ा हो।”

उन्होंने कहा कि शांति और न्याय की स्थापना के लिए वैश्विक एकजुटता आवश्यक है, और भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।


🤝 सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता का मंच

इस ईद मिलन समारोह ने धर्म, भाषा, जाति और राजनीति से परे सभी वर्गों को एक साथ आने का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया। विभिन्न धर्मों और विचारधाराओं के लोग एकत्र होकर संवेदनशील मुद्दों पर खुली बातचीत और पारस्परिक समझ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

यह आयोजन एकता, सद्भावना और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर उभरा है और आने वाले समय में भारत के बहुलतावादी लोकतंत्र को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।

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