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वक्फ संशोधन पर पीएम मोदी के खुलासे के बाद बोहरा समुदाय निशाने पर, मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वक्फ एक्ट में संशोधन से जुड़ी एक अहम बात का खुलासा करने के बाद देश के मुस्लिम समुदाय में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पीएम मोदी यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब उनके मन में वक्फ एक्ट में बदलाव करने का विचार आया, तो सबसे पहले उन्होंने दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु सैयदना साहब से सलाह-मशविरा किया था।

पीएम मोदी ने बताया कि सैयदना साहब ने इस विषय पर चर्चा के लिए अपने प्रतिनिधियों को भेजा, जिनसे उन्होंने तीन वर्षों तक लगातार ड्राफ्ट, कानूनी राय और सुझाव मांगे। उन्होंने कहा, “आप यकीन नहीं कर सकते कि इन्होंने हर स्तर पर हमारा साथ दिया, हर एक ‘फुल स्टॉप’ तक पर काम किया।”

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद मुस्लिम समुदाय के भीतर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग दाऊदी बोहरा समुदाय और उनके नेतृत्व को तीखे शब्दों में कोस रहे हैं। कई यूजर्स का कहना है कि जिस समुदाय ने वक्फ एक्ट के संशोधन में सरकार की मदद की, वह अब मुसलमानों के हितों के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है।

दरअसल, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पहले से ही कई मुस्लिम संगठन, मौलवी और विद्वान इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह संशोधन धार्मिक अधिकारों का हनन है। कई संगठनों ने इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी है।

इसी बीच, दो दिन पहले बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और वक्फ संशोधन के लिए आभार जताया था। इस मुलाकात की जानकारी और तस्वीरें दाऊदी बोहरा ब्रदर्स के आधिकारिक एक्स (X) हैंडल से साझा की गईं, जिसमें उन्होंने लिखा:

“माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आपके गर्मजोशी भरे स्वागत और निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद। दाऊदी बोहरा समुदाय आपके नेतृत्व का आभारी है, विशेषकर वक्फ संशोधन कानून के लिए, जिसने इस राष्ट्र में हमारे स्थान की पुष्टि की है। हम राष्ट्र के विकास और एक विकसित भारत के साझा दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

हालांकि, प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से बोहरा समुदाय की भागीदारी का जिक्र करने के बाद स्थिति बदल गई। अब यह समुदाय मुसलमानों के एक वर्ग के निशाने पर आ गया है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने यहां तक कह दिया कि अब इस समुदाय से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखा जाएगा।

एक यूजर ने तो गुजरात दंगों का हवाला देते हुए बोहरा समुदाय को याद दिलाया कि “मत भूलो कि एहसान जाफरी भी तुम्हारे ही भाई थे।” उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की 2002 के गुजरात दंगों में हत्या कर दी गई थी।

इस घटनाक्रम ने मुस्लिम समुदाय में पहले से मौजूद पसमांदा-अशराफ, सूफी-वहाबी जैसे वर्गों के बीच की दरार को और गहरा कर दिया है। अब बहाबी और अन्य मुस्लिम समुदायों के बीच भी तनाव बढ़ता नजर आ रहा है।

वक्फ संशोधन विधेयक से वास्तव में क्या फायदे और नुकसान होंगे, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन वर्तमान में मुस्लिम समुदाय में एकता की जगह गहरी फूट और अविश्वास की स्थिति दिखाई दे रही है — और इसका सीधा कारण है सरकार का यह कदम और उसमें बोहरा समुदाय की भूमिका।

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