नागपुर : वक्फ संशोधन पर गैर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ ऐतिहासिक संवाद, भ्रांतियों पर स्पष्टता की रोशनी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नागपुर
नागपुर शहर में कल एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वक्फ संशोधन और उससे जुड़ी भ्रांतियों पर खुलकर चर्चा की गई। इस संवादात्मक बैठक में नागपुर शहर के प्रतिष्ठित गैर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। यह बैठक “मी शिवाजी फाउंडेशन” के सौजन्य से नागपुर के प्रसिद्ध गोंडवाना क्लब में संपन्न हुई, जिसमें वक्फ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।

बैठक का उद्देश्य वक्फ संशोधन को लेकर गैर मुस्लिम समाज में फैले भ्रम और असत्य प्रचार को दूर करना था। इस विशेष आयोजन के लिए “सीएसआरई” (सेंटर फॉर सोशल रीसर्च एंड एजुकेशन) के अध्यक्ष और प्रमुख वक्ता श्री जेबी अब्दुर रऊफ शेख को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में अधिवक्ता, व्यवसायी, आर्किटेक्ट, मीडिया से जुड़े लोग, शिक्षाविद और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं, जो इस मुद्दे पर गहन जानकारी प्राप्त करना चाहते थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में अधिवक्ता क़ुतुब जफर ने “सीएसआरई” संस्था तथा मुख्य वक्ता का संक्षिप्त और प्रभावशाली परिचय दिया। तत्पश्चात श्री जेबी अब्दुर रऊफ शेख ने मराठी भाषा में करीब 50 मिनट तक वक्फ कानून, उसके ऐतिहासिक और कानूनी संदर्भ, वर्तमान संशोधन प्रस्तावों और उन पर फैलाए जा रहे झूठ व अफवाहों को तार्किक और तथ्यात्मक ढंग से श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया।

उन्होंने विशेष रूप से यह स्पष्ट किया कि कैसे सोशल मीडिया पर आधी-अधूरी जानकारी और भ्रामक दावों के ज़रिए गैर मुस्लिम समाज में डर और भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है, ताकि समुदायों के बीच अविश्वास की दीवार खड़ी की जा सके।
सभा में मौजूद सभी बुद्धिजीवियों ने अत्यंत ध्यानपूर्वक पूरा भाषण सुना। वक्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्य इतने स्पष्ट और संतुलित थे कि अंत में श्रोताओं के पास पूछने के लिए बहुत कम प्रश्न ही शेष रहे। सभा में भाग लेने वाले अधिकांश व्यक्तियों ने खुलकर कहा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर वक्फ के बारे में जो प्रचार किया जा रहा है, वह भ्रमित करने वाला है और वस्तुस्थिति से कोसों दूर है।

एक प्रसिद्ध अधिवक्ता ने कहा, “आज तक हमें वक्फ का मतलब ही ठीक से नहीं पता था, लेकिन आज की इस प्रस्तुति ने हमें न सिर्फ कानून की सच्चाई से परिचित कराया, बल्कि यह भी बताया कि किस तरह समाज में जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है।”
कार्यक्रम का संचालन श्री कमलेश वानखेडे (लोकमत) ने कुशलता से किया। उन्होंने विषय की गंभीरता को समझते हुए संवाद को संतुलन और गरिमा के साथ आगे बढ़ाया।
इस कार्यक्रम के आयोजन में एडवोकेट क़ुतुब जफर, इम्तियाज़ भाई और इशाक भाई की प्रमुख भूमिका रही। मी शिवाजी फाउंडेशन के प्रमुख श्री एन. जिचकर जी का विशेष योगदान रहा, जिनकी पहल और संवेदनशील सोच के कारण यह संवाद संभव हो पाया।

सभा के समापन पर सभी ने एकमत से कहा कि इस तरह की चर्चाओं और जानकारियों की आज समाज को बेहद आवश्यकता है, ताकि संदेह और भ्रांतियों के स्थान पर संवाद और समझदारी को जगह मिल सके। अंततः यह कार्यक्रम न केवल सूचनात्मक रहा, बल्कि यह विश्वास की एक नई नींव रख गया, जहां वक्फ जैसे संवेदनशील विषय पर भी खुलकर चर्चा हो सकती है।