प्रोफेसर तस्नीम सुहैल बनीं एएमयू हिंदी विभाग की पहली महिला अध्यक्ष,चार दशकों के शैक्षणिक अनुभव के साथ संभाला पद
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। वरिष्ठ शिक्षाविद और प्रख्यात साहित्यकार प्रोफेसर तस्नीम सुहैल को विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 21 अप्रैल 2025 से प्रभावी हुई है और वह 5 दिसंबर 2025 को अपनी सेवानिवृत्ति तक इस पद पर कार्यरत रहेंगी। विशेष बात यह है कि वह हिंदी विभाग की पहली महिला अध्यक्ष बनी हैं, जो विश्वविद्यालय की लैंगिक समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
दशकों का शैक्षणिक और साहित्यिक योगदान
प्रोफेसर सुहैल का हिंदी साहित्य और शिक्षण जगत में योगदान चार दशकों से भी अधिक का रहा है। उन्होंने अपनी अकादमिक यात्रा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एम.फिल. और आगरा विश्वविद्यालय से पीएचडी करते हुए शुरू की। उनकी शोध विषयवस्तु थी—
“पूर्व प्रेमचंद युगीन हिंदी-उर्दू के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, 1880-1920”—जिसमें उन्होंने हिंदी और उर्दू के कथा साहित्य के बीच साहित्यिक सेतु बनाने का प्रयास किया।
एएमयू से 1988 से जुड़ाव
प्रोफेसर तस्नीम सुहैल 1988 से एएमयू से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महिला महाविद्यालय में शिक्षिका के रूप में की थी और बाद में 1997 में हिंदी विभाग में व्याख्याता के रूप में कार्यभार संभाला। तब से अब तक उन्होंने शिक्षण, शोध, अनुवाद और लेखन के माध्यम से हिंदी विभाग को समृद्ध किया है।
लेखन और अनुवाद में गहन विशेषज्ञता
एक सशक्त लेखिका और अनुवादक के रूप में प्रोफेसर सुहैल का योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने डॉ. शान मोहम्मद की पुस्तक “सर सैयद: इतिहास और राजनीति के दर्पण में” का हिंदी अनुवाद किया है। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तानी लेखिका जाहिदा हिना की कहानियों का अनुवाद कर भारतीय पाठकों को उपमहाद्वीप की साझा संवेदनाओं से जोड़ा है।
शोध और साहित्यिक विमर्श में अग्रणी
प्रोफेसर सुहैल का शोध कार्य नारीवादी साहित्य, विभाजन कथा साहित्य, और हिंदी-उर्दू तुलनात्मक अध्ययन जैसे जटिल और समकालीन विषयों को स्पर्श करता है। उन्होंने अब तक 40 से अधिक शोधपत्र, समीक्षात्मक लेख और लघु कथाएँ प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहभागिता
उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भाग लेते हुए विविध साहित्यिक और सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं। एएमयू के भीतर और बाहर, उनकी पहचान एक प्रबुद्ध वक्ता, शोधकर्ता और मार्गदर्शक के रूप में है।
एएमयू के लिए प्रेरणादायक उपलब्धि
प्रोफेसर तस्नीम सुहैल की नियुक्ति न केवल हिंदी विभाग के लिए बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उनके अनुभव, दृष्टिकोण और समर्पण से निश्चय ही विभाग को नई दिशा मिलेगी। एएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में एक महिला साहित्यकार का शीर्ष नेतृत्व संभालना आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है।
संपर्क सूत्र:
हिंदी विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
ईमेल: [department email]
वेबसाइट: www.amu.ac.in