News

आतंकी हमले ने खोली शांति के दावों की पोल: पहलगाम में 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या, लश्कर के छाया संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी

📍 मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर/नई दिल्ली

केंद्र सरकार के ‘नए कश्मीर’ के दावों की सच्चाई एक बार फिर खून में रंग गई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ कश्मीर घाटी की नाजुक सुरक्षा स्थिति को उजागर कर दिया है, बल्कि यह हमला अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से केंद्र की ‘शांति और विकास’ की तस्वीर पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

📌 क्या हुआ पहलगाम में?

मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, दक्षिण कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरन (जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है) में भारी संख्या में पर्यटक मौज-मस्ती कर रहे थे। तभी हथियारों से लैस पांच आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।
इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। 20 से अधिक पर्यटक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

घटना के समय मौके पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी ना होना इस हमले को और भी भयावह बना देता है।


🔥 किसने ली जिम्मेदारी?

प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छाया समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। माना जा रहा है कि हमलावर जम्मू के किश्तवाड़ से होकर दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे थे।


📷 प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी

पर्यटन के लिए पहुंचे लोगों ने बताया कि अचानक गोलियों की बौछार शुरू हुई।
एक महिला पर्यटक ने कहा,

मेरे पति के सिर में गोली लगी है। हमारे साथ पिकनिक मना रहे सात अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
वहीं, एक स्थानीय दुकानदार के मुताबिक,
बच्चे चीख रहे थे, महिलाएं भाग रहीं थीं, और कुछ लोग खून से लथपथ ज़मीन पर पड़े थे। पुलिस कहीं नज़र नहीं आई।


📍राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर हैं, ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा:

मैं पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। हमले में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए तत्काल श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।
शाह के साथ गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी प्रमुख तपन डेका और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद हैं।
शाह ने कहा:

इस जघन्य कृत्य में शामिल अपराधियों को सख्त से सख्त सज़ा दी जाएगी।


📉 अनुच्छेद 370 और सरकार के दावों पर सवाल

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में “शांति और विकास” के दावे कर रही है। सरकार यह भी कहती रही है कि 2024 में कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटक पहुंचे हैं। मगर 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत और भारी सुरक्षा चूक ने इन दावों की साख पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।


🔍 क्या कहती है राजनीति?

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा:

यह हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है।

वहीं विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा है कि “क्या यही है अनुच्छेद 370 हटाने के बाद का शांतिपूर्ण कश्मीर?”


📌 निष्कर्ष

पहलगाम हमला न सिर्फ एक आतंकवादी घटना है, बल्कि यह सरकार की कश्मीर नीति की असलियत भी उजागर करता है। जहां एक ओर दुनिया को कश्मीर की शांति का चेहरा दिखाया जा रहा है, वहीं जमीनी हकीकत लहूलुहान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *