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गाज़ा में इज़रायली हमलों की सऊदी अरब ने ICJ में की कड़ी निंदा, अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,दुबई/हेग

सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में गाज़ा पट्टी में इज़रायल द्वारा किए जा रहे सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवीय सिद्धांतों का घोर उल्लंघन करार दिया है। किंगडम के प्रतिनिधि मोहम्मद सऊद अलनासर ने न्यायालय के समक्ष जोर देकर कहा कि इज़रायल न केवल ICJ के आदेशों की अवहेलना कर रहा है, बल्कि गाज़ा को मलबे के ढेर में बदलने का गंभीर अपराध भी कर रहा है।

यह टिप्पणी मंगलवार को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उस समय सामने आई जब अदालत गाज़ा में हो रही हिंसा और मानवीय संकट को लेकर इज़रायली दायित्वों पर बहस कर रही थी। यह सुनवाई संयुक्त राष्ट्र महासभा के अनुरोध पर हो रही है और इसका उद्देश्य यह आकलन करना है कि क्या इज़रायल ने गाज़ा में अपने सैन्य आचरण के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियों का पालन किया या नहीं।

सऊदी प्रतिनिधि का तीखा हमला

अलनासर ने कहा, “इज़रायल अंतरराष्ट्रीय आदेशों की अनदेखी करना जारी रखता है। गाज़ा में उसके हमलों का कोई नैतिक या कानूनी औचित्य नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “इज़रायली हमलों ने गाज़ा की ज़मीन को मलबे और राख में बदल दिया है। बच्चों, महिलाओं और नागरिकों पर कहर टूट रहा है। यह सीधे-सीधे मानवता के खिलाफ अपराध है।”

उन्होंने यह भी कहा कि गाज़ा में 50 दिनों से अधिक समय से जारी पूर्ण नाकाबंदी ने खाद्य, दवाओं और मानवीय सहायता को रोके रखा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का सीधा उल्लंघन है।

मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय शांति पर असर

सऊदी अरब ने ICJ से अपील की कि वह इज़रायल को उसकी जिम्मेदारियों की याद दिलाए और यह सुनिश्चित करे कि फिलिस्तीनी नागरिकों को न्याय, सुरक्षा और बुनियादी मानवाधिकार प्राप्त हों। अलनासर ने कहा, “गाज़ा में हो रहे अत्याचारों को सिर्फ बयानबाज़ी से नहीं रोका जा सकता; अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ठोस और प्रभावी कदम उठाने होंगे।”

सुनवाई का व्यापक संदर्भ

यह सुनवाई उस समय हो रही है जब गाज़ा पट्टी में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई और हमास के साथ चल रहे संघर्ष ने हजारों नागरिकों की जान ले ली है और मानवीय संकट की नई गहराइयों तक पहुंचा दिया है। ICJ के इस मंच से कई देशों ने गाज़ा संकट पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।

सऊदी अरब की क्षेत्रीय भूमिका

यह बयान उस व्यापक कूटनीतिक प्रयास का हिस्सा है जिसके अंतर्गत सऊदी अरब मध्य पूर्व में स्थिरता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहा है। किंगडम पहले भी गाज़ा में युद्धविराम, मानवीय सहायता और युद्ध अपराधों की जांच के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र में आवाज़ उठा चुका है।


📌 निष्कर्ष

सऊदी अरब की ओर से ICJ में दिया गया यह बयान गाज़ा में हो रही त्रासदी को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता को रेखांकित करता है। यह न केवल इज़रायल की सैन्य नीति पर वैश्विक प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अरब जगत अब फिलिस्तीन के मुद्दे पर अधिक मुखर और संगठित कूटनीति की ओर बढ़ रहा है।

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