Education

एएमयू की यूनिवर्सिटी वूमेन पॉलिटेक्निक में योग को लेकर जागरूकता, छात्राओं की सक्रिय भागीदारी

✍🏻 मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के यूनिवर्सिटी वूमन पॉलिटेक्निक में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की 100 दिवसीय उलटी गिनती के तहत छात्राओं और कर्मचारियों के बीच योग के प्रति जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से एक संगठित और बहुआयामी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस श्रृंखला का विषय था — “योग जागरूकता को बढ़ावा देना”


📘 ज्ञानवर्धक योग क्विज़ से हुई शुरुआत

कार्यक्रम का पहला चरण एक योग प्रश्नोत्तरी (Quiz) रहा, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों की योग दर्शन, विभिन्न आसनों, और योग के शारीरिक व मानसिक लाभों के प्रति जानकारी को परखना और गहराना था। इस ज्ञानवर्धक सत्र में करीब 30 छात्राओं ने भाग लिया और योग के सिद्धांतों को बौद्धिक दृष्टि से समझने का प्रयास किया।


🎞️ वीडियो शोकेस से योग की विविधता की झलक

दूसरे चरण में एक योग वीडियो शोकेसिंग सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को विभिन्न योग शैलियों और अभ्यासों की झलक दिखाई गई। यह सत्र योग की सांस्कृतिक गहराई, परंपरा, और विश्वव्यापी प्रभाव को रेखांकित करता रहा। विशेष रूप से क्यूरेट किए गए वीडियो की प्रस्तुति ने छात्राओं में योग के प्रति नई रुचि और प्रशंसा पैदा की।


🧘‍♀️ प्रैक्टिकल योग सत्र में महसूस किया शांति और संतुलन

तीसरे और अंतिम चरण में, पॉलिटेक्निक ग्राउंड में एक व्यावहारिक योग अभ्यास सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का नेतृत्व प्रशिक्षक सुश्री फरहा ने किया, जिसमें लगभग 40 छात्राएं और स्टाफ सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए। प्रतिभागियों ने योग के शांतिपूर्ण और पुनर्स्फूर्तिदायक प्रभावों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया और बेहतर मानसिक शांति और शरीर-मन के संतुलन की अनुभूति साझा की।


👩‍🏫 नेतृत्व और समन्वय: एक सशक्त महिला टीम की भागीदारी

पूरे कार्यक्रम का सफल नेतृत्व यूनिवर्सिटी वूमन पॉलिटेक्निक की प्राचार्या और आयोजन की मुख्य संयोजिका डॉ. सलमा शाहीन ने किया, जबकि डॉ. शीबा मंजूर सह-संयोजिका रहीं। आयोजन टीम में सुश्री सादिया नईम, सुश्री फौजिया खान, सुश्री इकरा सलीम, और श्रीमती अमराह मरियम शामिल रहीं, जिन्होंने विभिन्न गतिविधियों के सुव्यवस्थित समन्वय और कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


🌿 निष्कर्ष: योग केवल अभ्यास नहीं, बल्कि जीवनशैली है

यह कार्यक्रम न केवल योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला रहा, बल्कि छात्राओं को बौद्धिक, दृश्य और शारीरिक रूप से जोड़ने का एक समग्र मंच भी प्रदान करता है। योग के इन पहलुओं से परिचय, अभ्यास और सहभागिता ने यह साबित कर दिया कि विश्वविद्यालय स्तर पर योग को एक जीवनशैली के रूप में अपनाने की दिशा में यह एक सराहनीय पहल रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *