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नफरती टीचर्स क्लासरूम में जहर फैला रहे हैं— समीर सिद्दीकी का बयान वायरल

✍🏻 मुस्लिम नाउ ब्यूरो | नई दिल्ली

UPSC कोचिंग की दुनिया में चर्चित नाम समीर अहमद सिद्दीकी एक बार फिर सोशल मीडिया पर अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। हाल ही में वायरल हुए उनके एक नए वीडियो में उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की पाकिस्तान नीति, क्लासरूम में बढ़ती नफरत की प्रवृत्ति, और देश के मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर कड़ा सवाल उठाया है।

🎥 क्लासरूम में जहरीली हवा: ‘नफरती टीचर्स‘ पर सीधा हमला

समीर ने वीडियो में बिना नाम लिए दिव्यकृति नामक एक अन्य UPSC कोच पर तंज कसते हुए कहा है कि,

“कुछ टीचर्स सोशल मीडिया पर लाइक्स बटोरने के लिए क्लासरूम को नफरत का अखाड़ा बना रहे हैं। ये जहरीली हवा देश को तोड़ रही है, जोड़ नहीं रही।”

हाल ही में वायरल हुए दिव्यकृति के एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि “पाकिस्तान पेट से है और जल्द ही बलोचिस्तान बनने वाला है”। इसी को आधार बनाकर समीर ने शिक्षा जगत में बढ़ रही विचारधारात्मक कट्टरता पर सवाल उठाया।


🧭 भारत की जवाबी कार्रवाई पर उठाए सवाल: ‘क्या पूरे मुल्क को सजा देना सही है?’

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान से संबंधित कई फैसलों जैसे — इंडस जल संधि पर पुनर्विचार, दूतावास सीमित करना, वाघा बॉर्डर बंद करने की चेतावनी, और 48 घंटे में पाक नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश — पर समीर ने गौतम बुद्ध और भगवान महावीर के विचारों का हवाला देते हुए कहा:

“अगर चार-पांच आतंकियों ने हमला किया है तो पूरे देश को सज़ा देना क्या न्याय है? क्या यही अहिंसा और विवेक का रास्ता है?”


🧨 तालिबान से संबंध सुधारने की सलाह: ‘डर का सही इलाज’

सबसे चौंकाने वाली टिप्पणी में समीर ने कहा कि:

“भारत अगर सच में आतंकवाद रोकना चाहता है तो उसे तालिबान सरकार से रिश्ते सुधारने चाहिए। अफगानिस्तान से संबंध सुधरते ही आतंकी संगठनों की रीढ़ टूट जाएगी।”

यह टिप्पणी कई अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक समीक्षकों और सुरक्षा विशेषज्ञों को चौंकाने वाली लगी है, लेकिन समीर का तर्क है कि “डिप्लोमेसी से डर की राजनीति ही खत्म होती है।”


🚫 मुसलमानों पर हमलों को लेकर जताई नाराज़गी

समीर अहमद सिद्दीकी ने पहलगाम हमले के बाद देश में खोमचे और रेहड़ी लगाने वाले मुस्लिम युवाओं पर बढ़ते हमलों पर भी नाराज़गी जाहिर की और कहा:

“हर बार हमले होते हैं, और हर बार हम देखते हैं कि छोटे मुसलमान टारगेट बनते हैं। इस पर सरकार की चुप्पी क्या इत्तेफाक है या रणनीति?”

उन्होंने भारत सरकार से पूछा कि अब तक पहलगाम हमले के पुख्ता सबूत दुनिया के सामने क्यों नहीं रखे गए और अब तक जिम्मेदार आतंकी पकड़े क्यों नहीं गए


📈 ‘हम राइजिंग पॉवर हैं, तो सबूत भी पेश करें’

समीर ने कहा कि भारत के 60% पढ़े-लिखे नागरिक मानते हैं कि भारत एक राइजिंग पॉवर है, ऐसे में अगर हमले की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता चाहिए तो सबूत सामने लाना जरूरी है।


🔁 पहले भी दे चुके हैं बोल्ड सुझाव: ‘एंटी-टेरर फंड’

इससे पहले भी समीर का एक वीडियो जबरदस्त वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने भारत के मुसलमानों और जम्मू-कश्मीर सरकार को मिलकर एंटी टेरर फंड स्थापित करने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि जब तक मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ खुद पहल नहीं करेंगे, तब तक साजिशों का शिकार बनते रहेंगे।


📌 समीर का सवाल — ‘भारत क्या करे?’ और उत्तर भी खुद देते हैं

अपने लगभग 21 मिनट के वीडियो में समीर ने न सिर्फ सवाल खड़े किए, बल्कि सरकार को विकल्प भी सुझाए। उन्होंने कहा कि सरकार को डिप्लोमेसी, न्यायप्रियता और बौद्धिक ईमानदारी से काम लेना चाहिए — न कि भावनात्मक उकसावे और सामूहिक सज़ा की राजनीति से।