‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चेतावनी: भारत-पाक से सैन्य संयम बरतने का आह्वान
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो | न्यूयॉर्क/नई दिल्ली
पाकिस्तान के भीतर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई यानी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर वैश्विक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। इस क्रम में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से “अधिकतम सैन्य संयम” बरतने की अपील की है। उन्होंने दो टूक कहा कि दुनिया इस समय दक्षिण एशिया में किसी भी प्रकार के सैन्य टकराव को झेलने की स्थिति में नहीं है।
यूएन महासचिव की कड़ी प्रतिक्रिया
गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा,
“महासचिव नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का सैन्य टकराव नहीं सह सकती।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और PoK में स्थित कुल 9 संदिग्ध आतंकी ढांचों पर निशाना साधा। भारत का दावा है कि इन्हीं अड्डों से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की साजिश रची गई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।
ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि यह सैन्य अभियान पूरी तरह “सटीक और संतुलित” था, और इसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को समाप्त करना था। मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है।
ऑपरेशन को “सिंदूर” नाम देने को भी गहरे प्रतीकात्मक अर्थों से जोड़ा जा रहा है। दरअसल, पहलगाम हमले में मारे गए अधिकांश पर्यटक विवाहित हिंदू महिलाएं थीं, और यह नाम उन महिलाओं के सिंदूर की स्मृति को केंद्र में रखकर तय किया गया, जिनके पति इस हमले में मारे गए।
पाकिस्तान का आरोप और जवाबी दावा
पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इस हमले को “नागरिक ठिकानों” पर हमला बताया है। इस्लामाबाद का कहना है कि भारत ने दो मस्जिदों, एक स्कूल और कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिसमें 8 नागरिक मारे गए और 35 से अधिक घायल हुए। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया है कि उसने भारतीय वायुसेना के तीन से पाँच विमानों को मार गिराया है, हालांकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले को “कायराना हरकत” करार दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाकर जवाबी रणनीति पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: अमेरिका और यूरोप की निगाहें
संयुक्त राष्ट्र के अलावा अमेरिका, यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों की मीडिया इस घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,
“यह बहुत शर्मनाक है… मुझे उम्मीद है कि यह टकराव जल्दी खत्म होगा।”
अरब न्यूज, अल जज़ीरा और गल्फ न्यूज जैसी प्रमुख मीडिया एजेंसियों ने इसे अपनी वेबसाइटों पर शीर्ष खबर के रूप में प्रकाशित किया है। खासकर अरब मीडिया ने भारत के इस सैन्य अभियान को “नई सैन्य नीति का संकेत” बताते हुए इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर गहन विश्लेषण किया है।
भविष्य की चिंता: क्या फिर युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं भारत-पाक?
भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव ऐसे समय में बढ़ा है जब कश्मीर मसले पर दोनों देशों की स्थिति पहले से ही बेहद संवेदनशील है। 1947 से लेकर अब तक कश्मीर को लेकर दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं और सीमापार आतंकवाद इस मुद्दे को और जटिल बना देता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की अपील इस बात की चेतावनी है कि यदि जल्द ही राजनयिक संवाद बहाल नहीं होता, तो यह स्थिति एक और बड़ी लड़ाई का कारण बन सकती है – जिसकी कीमत दोनों देशों के करोड़ों आम नागरिकों को चुकानी पड़ सकती है।