ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत भारतीय हमले के बाद युद्ध जैसे हालात, मस्जिदों पर हमले से आक्रोश
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स्टीफन क्विलन, अली हर्ब और फराह नज्जर/नई दिल्ली/इस्लामाबाद
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराने विवाद ने एक बार फिर विस्फोटक मोड़ ले लिया है। सोमवार देर रात भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” नामक सैन्य अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PaK) के कई हिस्सों पर मिसाइल हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान की सेना ने भी भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर में जवाबी गोलीबारी की। इस टकराव में अब तक दोनों ओर मिलाकर 36 लोगों की मौत और कई दर्जन लोग घायल हो चुके हैं।
हमले की पृष्ठभूमि: पहलगाम हमले ने भड़काई चिंगारी
भारत ने यह हमला 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आत्मघाती हमले के जवाब में किया है, जिसमें भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए थे। भारत का दावा है कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान की जमीन से रची गई थी, जबकि पाकिस्तान ने इससे साफ इनकार किया है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’: भारत का लक्ष्य “आतंकी ठिकाने”
भारतीय सेना ने दावा किया है कि इन हमलों का लक्ष्य केवल “आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर” और हथियार भंडार थे। भारतीय मीडिया में इन हमलों को “सर्जिकल स्ट्राइक 2.0” कहा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ये हमले सीमित और लक्षित थे, ताकि नागरिक हताहत न हों।
पाकिस्तान का आरोप: “मस्जिदों और नागरिकों को बनाया गया निशाना”
हालांकि पाकिस्तान सरकार और सेना ने भारतीय दावे को खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि भारत ने मुज़फ्फ़राबाद और कोटली में मस्जिदों और आवासीय इलाकों पर हमला किया, जिसमें कई नागरिक मारे गए। पाक सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा:
“भारत ने न केवल सैन्य ठिकानों को, बल्कि मस्जिदों जैसे धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया है। यह मोदी सरकार की उस हिंदुत्ववादी मानसिकता को उजागर करता है, जो धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने में विश्वास रखती है।”
अल-जज़ीरा की सनद टीम ने हमलों की पुष्टि की
अल जज़ीरा की जांच एजेंसी ‘सनद’ द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों और वीडियो की पुष्टि की गई है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पुलवामा और पंपोर में मस्जिदें क्षतिग्रस्त हुई हैं और वहां हवाई हमले के मलबे साफ देखे जा सकते हैं।
सूचना का युद्ध: सोशल मीडिया पर दावे और प्रतिदावे
हमले के कुछ ही घंटों बाद दोनों देशों की सरकारें और मीडिया अपने-अपने पक्ष में दावे करने लगीं। सोशल मीडिया पर #IndiaStrikesBack और #WarCrimesByIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। भारत ने जहां इसे आतंकी ठिकानों पर “वैध कार्रवाई” बताया, वहीं पाकिस्तान ने इसे “नागरिकों पर हमला” और “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर: एयरस्पेस में पाबंदियां
पाकिस्तान ने हमलों के बाद लाहौर-इस्लामाबाद के बीच एयरस्पेस को आंशिक रूप से बंद कर दिया। पाकिस्तानी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) के अनुसार, इस्लामाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किए बिना किसी विमान को उड़ान भरने की इजाज़त नहीं दी जा रही।
जवाबी हमले की तैयारी: पाकिस्तान ने दिए ‘खुले विकल्पों’ के संकेत
इस्लामाबाद से रिपोर्टिंग कर रहे ओसामा बिन जावेद के अनुसार, पाकिस्तानी सेना और राजनीतिक नेतृत्व ने कहा है कि वे जवाब देने के लिए तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कहा कि देश को आत्मरक्षा का अधिकार है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“हम केवल परमाणु शक्ति नहीं हैं, हमारे पास पारंपरिक सैन्य ताकत भी है। भारत को जवाब देने के लिए सभी विकल्प खुले हैं।”
वैश्विक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
अब तक किसी बड़े देश की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और रूस जैसे प्रमुख देशों की तरफ से मध्यस्थता की पहल हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से बयान की उम्मीद की जा रही है।
निष्कर्ष:
भारत और पाकिस्तान के बीच यह नया सैन्य टकराव दक्षिण एशिया को एक बार फिर संकट के मुहाने पर ले आया है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और यदि यह टकराव कूटनीतिक रास्तों से नहीं सुलझा, तो इसके भविष्य में भयानक परिणाम हो सकते हैं। ऐसे समय में शांति, संयम और संवाद की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।