German महिला बाॅक्सर जीना नासर हिजाब पहन कर टोक्यो ओलंपिक में दिखाएंगी मुक्केबाज़ी का जलवा
Berlin boxer Zeina Nassar dreams of competing at next year’s Tokyo Olympics and Paris in 2024
जर्मन महिला बाॅक्सर जीना नासर हिजाब पहन कर टोक्यो ओलंपिक एवं 2024 के पेरिस गेम्स के बाॅक्सिंग रिंग में उतरने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्हें कड़े प्रशिक्षण से गुजरना पड़ रहा. अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ की ओर से हिजाब और शरीर पूरी तरह ढक कर रिंग में उतरने की इजाजत देने से नासर का मुक्केबाज़ी की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उतरने का सपना पूरा होने जा रहा है. संघ ने हाल में अपने नियमों में संशोधन किए हैं.
21 वर्षीय जीना नासर समाजशास्त्र की छात्रा हैं तथा जर्मन के बर्लिन के क्रुजबर्ग में रहती हैं. उन्होंने मुक्केबाज़ी शौकिया शुरू किया. अब वह इस खेल में रम चुकी हैं. मुक्केबाज़ी में अपने देश की 18 खिताब जीत ने वाली यह मुक्केबाज़ अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिजाब पहनकर मुक्केबाज़ी की इजाजत नहीं होने से ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई थी.
हालांकि उनकी कामयाबी से प्रभावित होकर जर्मन बाॅक्सिंग फेडरेशन ने नियमों में बदलाव के बाद उन्हें हिजाब पहन कर बाॅक्सिंग की अनुमति दे दी. साथ ही उन्हें यूरोपीय अंडर-22 चैंपियनशिप की नुमाइंदगी का भी मौका दिया. जीना नासर कहती हैं-‘खेल संघों को खिलाड़ियों के प्रदर्शन देखकर नियम तय करने चाहिएं ड्रेस देखकर नहीं.’ अंतरराष्ट्रीय महिला अधिकार लीग की अध्यक्ष एनी सुगियर भी नासर की वकालत करते हुए कहती हैं कि सभी खेल संघों को अपने नियमों में बदलाव करना चाहिए.
बहरहाल, जीना नासर अपनी तैयारियों से संतुष्ट हैं. उन्हें लगता है, कड़े प्रशिक्षण से वह टोक्यो ओलंपिक एवं 2024 के पेरिस गैम्स में बढ़िया प्रदर्शन करेंगी. नासर के माता-पिता मूल रूप से लेबनान से हैं, इस लिए वह अक्सर उनके साथ वहां जाती रहती हैं. जर्मनी के साथ वह फर्राटेदार अरबी भी बोलती हैं. खेल सामान बनाने वाली कंपनी नाइक की ब्रांड एंबैस्डर हैं तथा इस्टाग्राम पर उनके फाॅलोवर्सस की संख्या अच्छी खासी है.
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संपादक