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National Defence Academy जानिए, पाव रोटी बेचने वाले के बेटे सुभान अंसारी ने कैसे गाड़े सफता के झंडे

कामयाबी किसी की गुलाम नहीं. उसे हासिल करने को जो भी परिश्रम करेगा, उसकी  हो जाएगी. पुणे की गलियों में घूम-घूमकर पाव रोटी-बन बेचने वाले नौशाद अंसारी के बेटे सुभान अंसारी ने सफलता के इस ‘मंत्र’ पर मुहर लगाई है. वह कड़ी मशक्कत के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली लिखित परीक्षा में न केवल कामयाब हुए, उन्हें यकीन है इसके बूते बाकी परीक्षाओं में भी झंडे गाड़ेंगे.

How do I join the national Defence Academy? एनडीए का रिटेन टेस्ट पास करना कोई हंसी-ठट्ठा नहीं. प्रत्येक वर्ष इस परीक्षा में आठ लाख से अधिक छात्र बैठते हैं. इसमें सफल हासिल करने के लिए सुभान अंसारी को सुबह सात से रात आठ बजे तक पढ़ाई करनी पड़ी. एनडीए की तैयारी को कोचिंग संस्थान में दाख़िला लिया, जहां सुबह से शाम तक शिक्षकों की निगरानी में रहे. कोरोना की वजह से तैयारियों पर थोड़ा असर पड़ा. बावजूद  इसके आन लाइन क्लास चलता रहा.


  सुभान बताते हैं, उन्हें बचपन से अच्छी नौकरी का शौक है, इसलिए पढ़ाई में मेहनत करने से कभी  गुरेज नहीं किया. 10 वीं बोर्ड परीक्षा 90 प्रतिशत अंक से पास की. एक शिक्षक ने उन्हें एनडीए में दाखिले के लिए प्रेरित किया. तब सेे तैयारियांें में जुटे हैं. मैथ सब्जेक्ट पर विशेष ध्यान दिया. मां शबाना अंसारी ने घर पर पढ़ाई में मदद की.
   पिता नौशाद अंसारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर से हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते पैसे कमाने की गर्ज से बचपन में ही पुणे चले आए और बन रोटी बेचना शुरू किया. इसके लिए सुबह सवेरे घर से निकल पड़ते हैं. सुभान बताते हैं कि उन्हें और उनकी बहन को अच्छी तालीम देने के लिए उनके पिता अधिक मेहनत करते हैं. गर्मी, सर्दी, बारिश-हर मौसम में अपने काम पर अहले सुबह निकल जाते हैं. महाराष्ट्र के सीनियर आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने ट्वीट कर सुभान की कामयाबी पर मुबारकबाद दी है.

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