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इस्लामिक स्काॅलर वली रहमानी के निधन से कोरोना वैक्सीन पर उठे सवाल, मुस्लिम वर्ल्ड में शोक

देश के बड़े इस्लामिक स्काॅलर में से एक मौलाना वली रहमानी का निधन हो गया. उन्हें कोरोनो हो गया था. उन्हांेने कोरोना वैक्सीन का पहला टीका भी लगाया था. उनके इंतकाल से जहां मुस्लिम, सियासी, सामाजिक एवं शिक्षा जगत में शोक की लहर है, वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. ऐसे लोगों में खुद वली रहमानी के परिवार वाले भी हैं.

देश में जिस रफ्तार से कोरोना ने फिर से पैर पसारना शुरू किया है और कई तरह की पाबंदियों में रहने वाली बड़ी हस्तियों के कोरोना के शिकार होने की खबरें आ रही हैं, उससे किसी बड़े खतरे के संकेत मिल रहे हैं. भय पैदा करने वाले ऐसे माहौल में वली रहमानी जैसी शख्सियत का जाना कोई अच्छा संकेत नहीं है. दूसरी तरफ देश में सब कुछ सामान्य कर दिए जाने और लोगों के लापरवाही बरतने से भी खतरा बढ़ता दिख रहा है.

बहरहाल, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव एवं बिहार के फुलवारी शरीफ के इमारत ए शरिया के अमीर शरिया मौलाना वली रहमानी ने मुसलमानों को हिला दिया है.शनिवार को इमारत ए शरिया के अमीर ए शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी कोविड-19 के शिकार हो गए.

हालांकि,18 मार्च को उन्होंने इस घातक बीमारी से बचाव के लिए आईजीआईएमएस में कोरोना का पहला डोज लिया था. उनके छोटे बेटे फहद रहमानी ने बताया कि उसके बाद ही अमीर ए शरीयत की तबियत बिगड़ गई. वैक्सीन सूट नहीं किया.वह तकरीबन 77 वर्ष के थे.

बीमार पड़ने से पहले वली रहमानी चुस्त-दुरुस्त थे.शुरू में जांच रिपोर्ट में कोविड निगेटिव पाया गया. बाद में वो पॉजिटिव हो गए.

बेटे फहद ने गुरुवार को बड़ी नाउम्मीदी के साथ कहा था कोविड ने जो काम करना था कर दिया. वली रहमानी का बुखार उस दिन नॉर्मल था.उस पर ही फहद ने कहा था ,ऐसे भी दस दिनों के बाद बुखार खत्म हो जाता है. मगर इस दौरान वह अपना काम कर जाता है.जो अंदेशा था आखिर वही हुआ.

जब उनकी तबियत अधिक बिगड़ गई तो उन्हें पारस अस्पताल में दाखिल कराया गया. अमीर ए शरीयत को 24 मार्च को अस्पताल के कोविड वार्ड में ऑक्सिजन पर रखा गया था. उनकी तबियत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा था.जुमा नमाज में उनकी सेहत केलिए विशेष दुआ किया गया था. मगर शनिवार दोपहर दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. नमाज ए जनाजा मुंगेर में रविवार को होगी. कोविड के कारण जनाजा इमारत ए शरिया नहीं लाया गया

देश भर में शोक की लहर

मौलाना के इंतकाल की खबर फैलते ही शोक जताने वालों का तांता लग गया है. जमियतुल उलेमा के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि वो मिल्लत के हर तबका में मकबूल और हर दिल अजीज थे.

ऐसी शख्सियत का जाना अजीम सानेहा है. तालिब इल्मी के दौरान वो मेरे साथी भी थे. उनकी योग्यता उसी जमाने से उजागर हो रही थी. मौलाना रहमानी के अचानक निधन से लाखों-लाख लोग शोकाकुल हैं.

जमियतुल उलेमा के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने शोक जताते हुए कहा है कि वली रहमानी समकालीन में हिंदुस्तानी मुसलमानों के मसायल को लेकर काफी गम्भीर और चिंतित रहते थे. इस सिलसिले में विभिन्न फोरम पर सक्रीय थे. तालीमी मैदान में भी उन्होंने बड़े काम किए.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौलाना सैय्यद वली रहमानी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. अपने शोक संदेश में कहा कि हजरत मौलाना सैय्यद वली रहमानी के इंतकाल की खबर से दुखी हूं.उनका नाम बिहार और देश के मशहूर आलिम-ए-दीन में शुमार होता था. वे रहमानी-30 के संस्थापक थे और बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में अहम मकाम अता करे. उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की ताकत दें.

पद्मश्री प्रो. अख्तरूल वासे ने कहा कि वली रहमानी के अंदर मिल्ली गैरत और इस्लामी खुद्दारी का जज्बा कूट-कूट कर भरा था.उन्होंने मिल्ली मुफादात और मजहबी अहकामात पर कभी कोई समझौता नहीं किया.दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नुमानी ने कहा है कि मौलाना वली रहमानी के इंतेकाल ने झंझोड़ कर रख दिया.एक दिन हम और आप भी चले जाएंगे. बाकी रहने वाली जात तो अल्लाह की है. मगर कुछ लोग अपने अच्छे कामों और नेक ख्वाहिसात की वजह से यादों का एक काफिला छोड़ जाते हैं.

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने शोक संदेश में कहा कि हजरत मौलाना वली रहमानी साहब आज आप दुनिया से भले ही रुख्सत हो गए, लेकिन आपकी तहरीकात, तहरीरें, इल्म और अमल हमेशा जिंदा रहेंगी. आपकी अमूल्य खिदमात का हमारा सूबा हमेशा कर्जदार रहेगा. परवरदिगार से दुआ है आपको जन्नत में आला मकाम मिले और घरवालों और सभी चाहने वालों को सब्र व हिम्मत.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने शोक संदेश में कहा कि इमारत- ए- शरीया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी साहब के वफात (निधन) की खबर सुनकर मुझे दिली सदमा हुआ है.आप एक मारूफ मजहबी आलिम-ए-दीन थे. खुदा से दुआ है कि आपको मगफिरत फरमा जन्नत में आला मकाम दें.आपके घर वालों और चाहनेवालों को इस रंज और गम को बर्दाश्त करने की हिम्मत दें.

दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मोहम्मद सूफियान कासमी ने कहा कि वो अमीर ए शरीयत की हैसियत से खास खिदमात अंजाम दे रहे थे और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे. उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन डॉ.नवाज देवबंदी ने कहा कि वली रहमानी ने बहुत सारे लोगों को आला मकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.

बिहार के राज्यपाल फागू चैहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि रहमानी साहब इस देश के एक मशहूर आलिम ए दीन एवं प्रख्यात इस्लामिक विद्धान थे.जिनके निधन से बिहार सहित पुरे भारत को अपूरणीय क्षति हुई है. बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मौलाना रहमानी के निधन पर शोक जताया.

बिहार सरकार में उद्योग मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने भी मौलाना रहमानी के इंतकाल पर गहरा दुख प्रकट किया है. बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने मौलाना वली रहमानी के निधन पर अफसोस जाहिर करते हुए कौम और समाज का बड़ा नुकसान बताया है. आगे जमा खान ने कहा है कि मौलाना रहमानी से उम्मत को बहुत फायदा पहुंच रहा था. वह दीन की खिदमत करने के साथ ही कौम के सभी मसलों को हल करते थे. उनके दुनिया से चले जाने से उम्मत को काफी नुकसान हुआ है

हजरत मौलाना सैय्यद वली रहमानी के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी शोक जताया है. मांझी ने कहा कि वली रहमानी के निधन से वे दुखी हैं. खुदा वली रहमानी साहब को जन्नतुल फिरदौस में ऊंचा मुकाम दे. इसके अलावा जीतनराम मांझी के बेटे और लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री संतोष मांझी ने भी शोक जताया.अब्दुलबारी सिद्दीकी, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने शोक जताया है.

सिद्दीकी ने कहा कि रहमानी से पारिवारिक संबंध है. उनके निधन से बिहार को बड़ा नुकसान हुआ है. जबकि प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि उनके निधन से राज्य को बड़ी क्षति हुई है. विधान पार्षद एवं कारवान ए उर्दू के संयोजक प्रोफेसर गुलाम गौस ने भी अमीर-ए-शरीयत हजरत मौलाना वली रहमानी के इंतकाल पर दुःख प्रकट किया है.अपने शोक संदेश में लिखा है-हमारे बीच से इस्लामी दुनिया का एक अद्वितीय चिंतक हमसे जुदा हो गया है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. जमाना उन्हें सदियों याद करेगा.

मुसलमानों पर पहाड़ टूट पड़ा

मौलाना वली रहमानी के निधन के बाद पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई है.एक तरह से प्रदेश के मुसलमानों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है. लोग अपने-अपने तरीके से मौलाना वली रहमानी को याद कर रहे हैं.
सलीम परवेज(पूर्व उप-सभापति बिहार विधान परिषद) : वली रहमानी बड़े आलिम ए दीन थे. समाज के लिए उनका योगदान नाकाबिल ए फरामोश है.अल्लाह उन्हें जन्नत नसीब करे.

अशफाक रहमान(राष्ट्रीय संयोजक,जनता दल राष्ट्रवादी) मौलाना मोहम्मद वली रहमानी का इंतेकाल काफी दुःखद है.उम्र के इस मुकाम पर मजहबी और सामाजिक कार्य नई पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है. बिहार एक अजीम शख्सियत से खाली हो गया.

डॉक्टर अहमद अब्दुल हई(बिहार के प्रसिद्ध सर्जन ) : वली रहमानी के इंतेक़ाल से मुल्क व मिल्लत ने एक हमदर्द शख्सियत खो दिया.रहमानी-30 के जरिया कौम की तालीमी पसमानदगीदूर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे.

अरशद अब्बास(चेयरमैन,बिहारी शिया वक्फ बोर्ड) : वली रहमानी सभी मकतबा फिक्र में मकबूल थे. इस्लामी शिक्षा के विकास और नौजवानों को बेदार करने में उनका कोई सानी नहीं थी.मौलाना बिहार ही नहीं बल्कि कई राज्यों में भी अपने कार्यों से लोकप्रिय थे.

इनपुटः सेराज अनवर