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गरीब परिवार के आठवीं के छात्र आरिफ अहमद अहंगर के कजरे से बना डाली मिनी जेसीबी मशीन

मुस्लिम नाउ, दिल्ली ब्यूरो

उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के बोनी जकल, सिंहपुरा पट्टन से ताल्लुक रखने वाले आठवीं कक्षा के छात्र आरिफ अहमद अहंगर ने कमाल कर दिया. अहंगर मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहता है, पर उसने अभी ही घर के इंजेक्शन सीरिंज और अन्य गैर-जरूरी सामग्री से मिनी जेसीबी बनाकर सबको हैरान कर दिया है. आरिफ सरकारी स्कूल में पढ़ता है.

आरिफ अहमद अहंगर एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता एक मजदूरी करनेे वाले है. आरिफ ने कहा कि एक दिन जब उसने अपने गांव में जेसीबी को काम करते देखा तो वह ऐसी मशीन बनाने के बारे में सोचने लगा. आखिरकार वह एक मिनी जेसीबी बनाने में कामयाब हो गया. उसने बताया कि वह और अधिक बड़ा मशीन बनाना चाहता है. इनमें पंखे, ट्रक और बहुत कुछ शामिल करेगा.

आरिफ मैकेनिकल इंजीनियर बनकर परिवार, गांव, राज्य और देश में अपना नाम कमाना चाहता है. यह देखकर आरिफ के पिता की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश सरकार से वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करने की अपील की है ताकि बेटे के भीतर की क्षमताओं को और विकसित किया जा सके. आरिफ का इरादा और भी चीजें बनाने का है.आरिफ की सफलता से उसके माता-पिता भी काफी खुश हैं. पिता ने कहा कि सरकार ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहती है और उनके कौशल को निखारने के लिए उन्हें तकनीकी संस्थानों में ले जाना चाहती है.

एक स्थानीय शिक्षक ने बताया कि यहां के अधिकांश सरकारी स्कूलों में यह धारणा है कि इनके बच्चे शिक्षा में कुछ कमजोर हैं. जबकि इन स्कूलों से योग्य और उच्च शिक्षित शिक्षक हैं.

उन्होंने उम्मीद जताई कि बच्चों की प्रतिभा को इस तरह से निखारा जाए तो कश्मीर में मौजूदा प्रतिभा को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.शिक्षित बच्चे किसी भी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जो देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कर सकें.