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मदरसों को आतंकवाद का अड्डा बताने वाले राज्य मंत्री रघुराज सिंह पर मौलाना सुफियान निजामी भड़के, कही बड़ी बात

ब्यूरो, इलाहाबाद

मदरसों को लेकर राज्य मंत्री रघु राज सिंह ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने मदरसों को आतंकियों का अड्डा बताया. उन्होंने कहा, ‘‘अगर भगवान ने मुझे मौका दिया तो मैं सभी मदरसों को बंद कर दूंगा ,क्योंकि मदरसों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है.‘‘ इस पर धार्मिक नेता और विद्वान भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

रघु राज के इस बयान पर मौलाना सूफियान निजामी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान जानबूझकर साजिश के तहत दिए जाते हैं और जो लोगों की बुनियादी समस्याओं और कल्याण के लिए चुने जाते हैं. जब वे इन सभी में विफल हो जाते हैं, तो वे इस तरह के बयान देकर धार्मिक बयान देते हैं. वे भेदभाव को बढ़ावा देकर अपनी रक्षा करने की कोशिश करते हैं.
मौलाना सुफियान ने आगे कहा कि यह बयान जो हाल ही में दिया गया है, वह उनकी अपनी स्थिति पर आधारित बयान है.

उन्होंने कहा कि मदरसों को लेकर पिछली सरकार में रहे गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि कोई भी मदरसा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं है. ऐसे अन्य उदाहरण हैं जहां मदरसों के अंदर कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी की जाती है. मदरसों का अपना एक इतिहास है. देश की आजादी के लिए मदरसों में पढ़ाने वालों के बलिदान का शायद ही कोई उदाहरण हो.

तो ये सभी बयान जो दिए जा रहे हैं, उनकी अक्षमता का सबूत हैं कि वे सार्वजनिक मुद्दों को हल करने में पूरी तरह अक्षम हो गए हैं. ऐसा लगता है कि 2022 के चुनाव को देखते हुए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. उनकी एक रणनीति धर्म के आधार पर बड़े पैमाने पर चुनाव लड़ना है, इसलिए समुदाय में सांप्रदायिक कलह फैलाने के लिए ऐसे बयान दिए जाते है. इस तरह के बयानों से धार्मिक भेदभाव फैल सके और उन्हें चुनाव में फायदा हो सके.

मौलाना सुफियान का कहना है कि इस तरह के बयानों से समुदाय को ठेस पहुंचती है.ऐसे बयानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यह भी कहा जा रहा है कि यदि इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान यदि कोई मुस्लिम लीड किसी अन्य धर्म के धार्मिक शिक्षण संस्थानों के बारे में देता तो अब तक वह देशद्रोह और देश की शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में जेल में डाला जा चुका होता. रघुराज सिंह शायद भूल गए कि उनकी पार्टी की केंद्र सरकार में मदरसे में पढ़ने वाले मिसाइल मैन डाॅक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया गया था.