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The Editors Guild of India   ने महिला पत्रकारों के साथ ऑनलाइन दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सुल्ली डील और बुल्ली बाई ऐप के जरिया मुस्लिम महिलाओं की इज्जत पर हमला करने के मामले में भले ही गोदी मीडिया ने मुंह में दही जमा रखी हो, पर इस मामले को एडिटर्स गिल्ड आॅफ इंडिया ने गंभीरता से लिया है.एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने ‘‘टेक फॉग‘‘ के नाम से एक आवेदन का उपयोग करने वाली प्रसिद्ध महिला पत्रकारों के खिलाफ ऑनलाइन उत्पीड़न की निंदा की और सरकार और सुप्रीम कोर्ट से इसके बारे में कार्रवाई करने को कहा.

ईजीआई ने उल्लेख किया कि सभी महिलाओं को पहले भी मौखिक रूप से बलात्कार की धमकियों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि वो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान की आलोचना करती हैं.
बता दें कि टेक फॉग, एक ऐसा एप्लीकेशन है जो लक्षित पत्रकारों को जहरीले संदेश भेजने के लिए अप्रयुक्त व्हाट्सएप खातों को चुरा लेता है. एक डिजिटल मीडिया पोर्टल द्वारा की गई एक जांच ने आवेदन की सुविधा के लिए अच्छी तरह से वित्त पोषित नेटवर्क पर प्रकाश डाला.

गिल्ड ने नोट किया कि आवेदन का एकमात्र उद्देश्य पत्रकारों में भय पैदा करना और उन्हें स्वयं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने से रोकना प्रतीत होता है. उसी के संबंध में, एक प्रेस नोट में, ईजीआई ने ‘‘बुली बाई‘‘ के बैनर तले प्रमुख मुस्लिम महिलाओं को गिटहब एप्लिकेशन के तहत ऑनलाइन नीलाम किए जाने का मुद्दा उठाया.

ईजीआई द्वारा लिखे गए प्रेस नोट में तर्क दिया गया कि हालांकि गिटहब कांड के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. फिर भी इस मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है, क्योंकि अन्य आरोपी अभी भी खुले में हैं.

प्रेस नोट में कहा गया है, ‘‘टेक फॉग आवेदन के संबंध में सत्तारूढ़ दल की संलिप्तता के आरोपों को देखते हुए, गिल्ड मांग करता है कि सुप्रीम कोर्ट मामले का संज्ञान ले और इसकी जांच का आदेश दे.‘‘