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जमीन खिसकने लगी तो आरएसएस को याद आए मुसलमान

मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,नई दिल्ली

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जमीन खिसकते देखकर अब राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को भी मुसलामन याद आने लगे हैं.सत्ता संभालने से बीजेपी के मुस्लिम विरोधी नीति उजागर हुई है. सरकार ने सारे फैसले ऐसे लिए जिससे मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा सके. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में यह कुछ ज्यादा हुआ. लव जिहाद से लेकर सीएए कानून की आड़े में मुसलमानों पर कानून का ऐसा शिकंजा डाला गया कि वे आज भी इससे उबर नहीं पाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आज भी 80 और 20 की बात करते हैं.

विभिन्न बहाने से मुस्लिम नेताओं को निशाना बनाया गया. अब संघ और बीजेपी को लगने लगा है कि बिना मुसलमानों को पटाए या इसमें बिखराव पैदा किए सत्ता में बने रहना मुश्किल है. इसके लिए कोशिशें तो कई महीने से चल रही थीं. चुनाव के करीब आत ही इसमें तेज आ गई है. मजे की बात है कि मुस्लिम मोर्चा के नाम से सक्रिय आरएसएस के मुस्लिम संगठन के ऐसे नेताओं को इसके लिए आगे किया गया जिनका वजूद उनके ही इलाके में रत्ती बराबर भी नहीं. उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता. मुस्लिम मामलों में उनके ढुलमुल रवैये से लोग खफा हैं. मुस्लिम मोर्चा के खुर्शीद राजाका की स्थिति यह है कि मेवात-गुड़गांव में रहने के बावजूद वहां के जुमे के नमाज के मसले को आज तक नहीं सुलझा पाए. इसके इतर कानून-व्यसवस्था की आड़ में खट्टर सरकार ने उस आदेश को बदल दिया जिसकी वजह से जगह की तंगी के कारण लोग शहर के कुछ खुले मैदान में जुमे की नमाज अदा किया करते थे. अब यह नमाज बंद है.

बहरहाल, पांच राज्यों में मुस्लिम वोटर में फूट डालने के लिए दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अपने मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के चुनाव के लिए बुकलेट जारी किया. ऑफिस बियरर के साथ हुई अहम बैठक में पांच राज्यों के चुनाव के लिए बीजेपी को वोट देने का आह्वान किया गया.

इस दौरान मोदी योगी सरकार के कार्यों का उल्लेख किया गया. मुस्लिम मतदाताओं से योगी और बीजेपी सरकार से वोट डालने की अपील की गई. मजे की बात है कि जारी बुकलेट में मोदी-योगी की उपलब्धियां तो खूब गिनाई गईं, पर इससे मुसलमानों को सीधा लाभ पहुंचा, इसमें कोई जिक्र नहीं है.

इस मौके पर आरएसएस के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में निवेदन पत्र जारी किया गया. इंद्रेश कुमार के साथ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक (मीडिया) शाहिद सईद, कैंसर स्पेशलिस्ट और राष्ट्रीय संयोजक मुस्लिम मंच डॉक्टर मजीद तालिकोटी, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एवं हिंदुस्तानी फर्स्ट एंड हिंदुस्तानी बेस्ट के संयोजक बिलाल उर रहमान, मेवात डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एवं मंच में युवा मामलों के प्रभारी खुर्शीद रजाका, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली, दिल्ली राज्य संयोजक हाफिज साबरीन, उत्तर प्रदेश संयोजक इमरान चैधरी और निशा जाफरी मौजूद थे.

मंच के ऑफिस बियरर ने बताया कि बीजेपी ने किसानों का खास ध्‍यान रखा है. उन्हें खुशहाल बनाने की हर मुमकिन कोशिश की है. उत्तर प्रदेश में कुल लाभार्थी किसानों की संख्‍या लगभग 90 लाख है, जबकि कुल ऋण माफी की धनराशि करीबन 40 करोड़ है. जन-जन का हित भाजपा में है सुरक्षित है. नवीन व उन्नत तकनीक के माध्‍यम से सड़कों का किया गया निर्माण, आर्थिक बचत व पर्यावरण संरक्षण का संकल्प पूरा किया गया है. युवाओं को मिला है बेहतर शिक्षा का विकल्‍प. युवाओं के हित को सर्वोपरि रखते हुए नए शिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना की गई है. इसमें 26 पॉलीटेक्निक, 79 आईटीआई, 248 इंटर कॉलेज और 771 कस्तूरबा विद्यालय खोले गए. गरीबों के कच्चे घर से पक्के घर में रहने की व्यवस्था की गई, मुफ्त गैस कनेक्शन, शौचालय, राशन व बिजली की व्यवस्था की गई. महिलाओं और बच्चियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, सशक्तिकरण का कुशलतापूर्वक काम किया गया है.

राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर मजीद तालिकोटी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर तरह तरह की मुहिम चलाई है. इन सभी का सीधा फायदा मुस्लिम समाज को भी हुआ है. डॉक्टर मजीद ने भी मुस्लिम समुदाय से बीजेपी के लिए खुले दिल से वोट डालने की अपील की.

मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के 400 कर्मठ कार्यकर्ता बीजेपी के साथ मिल कर काम करेंगे. इन कार्यकर्ताओं का काम होगा जन जागरण अभियान चलाना, जिसके तहत मुस्लिम मतदाताओं के बीच बीजेपी की उपलब्धियों को पहुंचाना है. शाहिद सईद ने बताया कि लड़की हूं लड़ सकती हूं का कैंपेन प्रियंका कांग्रेस के लिए क्या सिर्फ उत्तर प्रदेश में लागू होता है? राजस्थान या अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में जहां कहीं भी महिलाओं पर अत्याचार होता है, पुलिस ज्यादती होती है या फिर रेप जैसी अशोभनीय घटना होती है. उस पर कांग्रेस पार्टी और उनके शहजादे और शहजादी खामोश क्यों रहते हैं? शाहिद ने ये भी बताया कि अखिलेश यादव की सरकार में दंगों का सैकड़ा लगा था. सरेे आम लोगों का कत्लेआम हुआ था. लेकिन उत्तर प्रदेश में जब से बीजेपी सरकार आई है कहीं कोई दंगा नहीं हुआ है. शाहिद ने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमान सबसे सुरक्षित बीजेपी के शासनकाल में रहे हैं. आजादी के बाद से जितने भी दंगे हुए हैं उनमें 99.99 प्रतिशत देंगे कांग्रेस और तथाकथित सेकुलर पार्टी के राज्यों में हुए हैं.

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन बिलाल उर रहमान ने सरकार के कामों का हवाला देते हुए बताया कि सरकार ने मदरसा को कंप्यूटरीकृत किया. आज दीनी तालीम के अलावा दुनियावी शिक्षा भी दी जा रही है. युवा मामलों के प्रभारी खुर्शीद रजाका ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने, स्वरोजगार से जोड़ने और शिक्षित बेरोजगारों को मासिक भत्ता देने के साथ सरकार ने 25 लाख रुपए तक के लोन की स्कीम चलाई है ताकि शिक्षित बेरोजगार युवा अपना खुद का काम शुरू कर सकें.

महिला मोर्चे की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली ने मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं से बीजेपी के लिए खुल कर मतदान करने की अपील की. शालिनी ने कहा कि सरकार ने तीन तलाक पर कानून बना कर मुस्लिम महिलाओं को आजादी से जीने का अधिकार दिलाया है.

हाफिज साबरीन ने बताया कि विवाह के लिए महिलाओं की उम्र 21 साल करने की बात कर के सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि इस उम्र में लड़कियां मानसिक और शारीरिक रूप से परिपक्व होती हैं बनिस्बत 18 साल की उम्र के… और वो अपना अच्छा बुरा बेहतर सोच समझ सकती हैं. दिल्ली प्रदेश सह संयोजक इमरान चैधरी ने सरकार की नई शिक्षा नीति की उपलब्धियों पर जोर दिया. उन्होंने मुस्लिम समाज से आह्वान किया की बीजेपी का साथ दें और मजबूत सरकार बनाएं. महिला प्रकोष्ठ की निशा जाफरी ने बीजेपी सरकार के द्वारा बनवाए गए शौचालयों की बात उठाते हुए कहा कि सरकार ने महिलाओं को इज्जत घर दिया. पहले महिलाओं को गांव में सुबह चार बजे उठ के बाहर शौच के लिए जाना होता था.

हालांकि, सरकार की उपलब्धियां गिनाने वाले शायद यह भूल गए कि उत्तर प्रदेश में हाल तक महिला अपराध की क्या स्थिति है. नेशनल क्राइम ब्यूरो के अनुसार, महिला अपराध में यूपी उपर की श्रेणी में है.