रूस-यूक्रेन युद्ध: जानिए, तुर्की शिल्पकारी से सुसज्जित मारियुपोल की सुल्तान सुलेमान मस्जिद कैसे बनी रूसी सेना का निशाना ?
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, कीव
यूक्रेन की सबसे आलीशान मारियुपोल सुल्तान सुलेमान मस्जिद को रूसी सेना ने निशाना बनाया है. इस मस्जिद में तुर्की नागरिक सहित 80 से अधिक लोग शरण लिए हुए थे. रूसी हमले में मस्जिद के कितने हिस्से को नुकसान पहुंचा है और यहां शरण लेने वाले जिंदा बचे भी हैं या नहीं ? अभी इसका पता नहीं चला है.
चूंकि मस्जिद का तुर्की से गहरा रिश्ता है तथा यहां तुर्की के नागरिक ही अधिक संख्या में शरण लिए हुए थे, इसलिए रूसी सैनिकों के इस हमले ने तुर्की सरकार की चिंता बढ़ा दी है. तुर्की में यूक्रेन के राजदूत का कहना है कि मारियुपोल में रूसी सेना इतनी ज्यादा बमबारी कर रही है कि वहां क्या स्थिति है इसका पता लगाने में दुश्वारी आ रही है. मारियुपोल से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर कोई जवाब नहीं मिला. शहर पूरी तरह उजड़ चुका है.
सुल्तान सुलेमान मस्जिद में 80 नागरिकों ने ले रखी है शरण
रूसी सेना ने मारियुपोल शहर की मस्जिद को निशाना बनाया है. इस मस्जिद में 80 लोगों के शरण लेने की बात कही जा रही है. तुर्की में यूक्रेन के राजदूत का कहना है कि शरण लेने वालों में कई तुर्की नागरिक भी हैं. रूसी हमले में कितने हताहत हुए, संपर्क नहीं होने की वजह से यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है.
मारियुपोल में फंसे वालों में 34 तुर्की बच्चे भी
यूक्रेनी सरकार का कहना है कि रूसी सैनिकों ने मारिया पोल शहर में एक मस्जिद को निशाना बनाया, जहां 80 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी थी. उधर, तुर्की में यूक्रेन के दूतावास ने कहा कि मारिया पोल में फंसे 34 बच्चों सहित तुर्की के 86 नागरिकों का एक समूह रूस के हमले के बीच निकलने की कोशिश में है.
तुर्की में यूक्रेनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि मारिया पोल में रूसी हमले के कारण किसी से भी संपर्क करना मुश्किल हो रहा है. यूक्रेन ने रूस पर मारियुपोल में फंसे लोगों को शहर छोड़ने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया है. उसने शहर को चारों तरफ से बंद कर दिया है, जिससे हजारों लोग फंसे हुए हैं.
दूसरी ओर, रूस ने असुरक्षित निकासी के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि ‘‘मारियुपोल में सुल्तान सुलेमान मस्जिद को रूसी आक्रमणकारियों ने निशाना बनाया.‘‘
गोलाबारी से बचने के लिए छुपे थे लोग
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गोलीबारी से बचने के लिए 80 से अधिक वयस्कों और बच्चों ने मस्जिद में शरण ले रखी थी. इनमें तुर्की नागरिक भी शामिल हैं. लेकिन उनमें से कितनों की मौत हुई है और कितने घायल हुए हैं, यह अभी पता नहीं चला है. रूस जो कुछ भी कर रहा है, वह बिना नाम लिए हमले की व्याख्या एक सैन्य अभियान के रूप में कर रहा है.यूक्रेन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह केवल सैन्य क्षेत्रों को निशाना बना रहा है. लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. रूस ने उन क्षेत्रों पर भी हमला किया है जहां नागरिक रहते हैं.
24 फरवरी से चल रहा है युद्ध
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर अपना पहला हमला किया. तभी से दोनों देशों के बीच जंग जारी है. आज युद्ध का 17वां दिन है. शांति के कोई संकेत नहीं हैं.कई यूक्रेनी शहर रूसी हमलों से मलबे में दब गए हैं. यहां जवानों के अलावा आम नागरिकों को भी निशाना बनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यूक्रेन से 25 लाख से अधिक लोगों ने दूसरे देशों में शरण ली है. यह संख्या बढ़ती रहेगी. रूसी सैनिकों से घिरे इन शहरों में बड़ी संख्या में लोग बिना भोजन, पानी या बिजली के फंसे हुए हैं.
मारियुपोल मस्जिद है इस्तांबुल की सुलेमानिया मस्जिद जैसी
मारियुपोल मस्जिद यूक्रेन की सबसे आलीशान मस्जिदों में से एक है. यह प्रीमोर्सकी जिले में स्थित है. मस्जिद में सुलेमान द मैग्नीफिसेंट एंड रोक्सोलाना के नाम पर इस्लामिक सेंटर चलता हैै. इसका उद्घाटन अक्टूबर 2007 में हुआ था. इसकी शिल्पकारी तुर्की की मस्जिदों जैसी है. वास्तुशिल्प के लिहाज से इसे इस्तांबुल की सुलेमानिया मस्जिद जैसी मानी जाती है.