अलीगढ़ कॉलेज ने हिजाब में लड़कियों के प्रवेश पर लगाई रोक
मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,अलीगढ़
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के प्रमुख कॉलेज ने परिसर में छात्राओं पर बिना ‘‘निर्धारित वर्दी‘‘ के प्रवेश पर ‘प्रतिबंध‘ लगा दिया है. इस आशय का नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों का काॅलेज में प्रवेश मना है.
श्री वार्ष्णेय कॉलेज ने शनिवार को छात्रों को निर्देश दिया कि वो कक्षा में शामिल होने के दौरान अपना चेहरा न ढकें. इसके बाद कई छात्राएं प्रवेश से वंचित होने के बाद घर लौट आईं. छात्राओं का कहना है कि स्टाफ ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया.बीएससी फाइनल ईयर में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कहा कि कॉलेज के अधिकारियों ने पहले उसे बुर्का उतारने के लिए कहा. उसने कैंपस में प्रवेश करते समय पहन रखा था. बाद में उन्होंने उसे हिजाब भी हटाने के लिए कहा.
छात्रा का कहना है कि वह यह समझने में विफल है क उन्हें हमारे हिजाब से क्या समस्या है ? मैं हिजाब के बिना कहीं जाने को तैयार नहीं और कॉलेज हमें अब कैंपस में प्रवेश नहीं करने दे रहा है.
कॉलेज की प्रशासनिक अधिकारी बीना उपाध्याय ने कहा कि यह नोटिस छात्राओं को एक ‘रिमाइंडर‘ है कि कॉलेज में ‘ड्रेस कोड‘ है. इसका पालन करना होगा.संपर्क करने पर, कॉलेज के प्रॉक्टर अनिल वार्ष्णेय ने कहा, “प्रोस्पेक्टस में ड्रेस कोड का स्पष्ट रूप से उल्लेख है. उन्होंने कहा,“हम केवल यह चाहते हैं कि छात्राएं कॉलेज के नियमों का पालन करें. हम निर्देशों का पालन कर रहे हैं. छात्रों को कहा गया है कि ड्रेस कोड को अब और गंभीरता से लागू किया जाएगा.
कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आना बाकी
मजे की बात है कि कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अभी अपने निर्णायक स्थिति में पहुंचना बाकी है. यह मामला कर्नाटक हाई में लंबित है. कर्नाटक के एक काॅलेज में काॅलेज प्रबंधन के हिजाब, बुर्का पर प्रतिबंध लगाने से विवाद इस कदर बढ़ा कि सड़कों से लेकर कोर्ट तक इसके पक्ष और विरोध में आवाजें उठने लगीं. बात यहीं खत्म नहीं हुई. भगवा शाल ओढ़कर हिंदूवाली छात्र भी काॅलेज-स्कूल आने लगे. संविधान और कुरान का हवा लेकर कुछ मुस्लिम छात्राएं
कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंच गई. इसपर लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. उम्मीद की जा रही है कि इसपर जल्द ही फैसला आएगा.
हिमाचल में भी हिजाब-बुर्का पर प्रतिबंध
कोर्ट हिजाब विवाद पर क्या निर्णय देगा, अभी यह तय नहीं हुआ है. बावजूद इसके इसी बहाने कई जगह शिक्षण संस्थानों में बुर्का, हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है. मजाक की बात यह है कि हिमाचल में मुट्ठी भर भी मुसलमान नहीं, पर इस प्रदेश की सरकार ने अपने यहां के कॉलेज-स्कूल में हिजाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है.
मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश तो नहीं ?
स्कूल-काॅलेज में हिजबा और बुर्का पर प्रतिबंध को लेकर मुस्लिम संगठन इसेे मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश बता रहे हैं. आजादी के बाद से अब तक इसपर कभी किसी सरकार ने सवाल नहीं उठाया. उलटा यह निरंतर कोशिश होती रही कि किसी तरह लड़कियां स्कूल-काॅलेज तक पहुुंचे. अब हिजाब पर प्रतिबंध लगाने से उन लड़कियों ने स्कूल-काॅलेज जाना बंद कर दिया है, जो हिजाब पहनती हैं. लड़कियों के ड्राप आउट की समस्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए कई मुस्लिम संगठन अधिक से अधिक शिक्षण संस्थान खोलने का आहवान कर रहे हैं.कई शिक्षण सर्वेक्षण में भी मुस्लिम लड़कियों के काॅलेज-स्कूल जाने की दर में गिरावट आने की बात कही है. इस तरह के विवाद से शिक्षा के अधिकार पर भी सवालिया निशान उठने लगा है.