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AIMIM राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन को तैयार: संसाद इम्तियाज जलील,संजय राउत बोले-हम औरंगजेब टाइप राजनीति नहीं करते

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, औरंगाबाद

एआईएमआईएम के औरंगाबाद से सांसद एवं पत्रकार रहे इम्तियाज जलील ने कहा कि उनकी पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को तैयार है. एनसीपी महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार की घटक हैं.
एआईएमआईए सांसद इम्तियाज जलील ने इस बात का खंडन किया है कि उनकी पार्टी बीजेपी की ‘बी’ टीम है. यह आरोप असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली इस पार्टी पर मुख्यधारा की पार्टियां लगाती रही हैं.

जलील ने कहा कि उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की गठबंधन की इच्छा के बारे में बात की थी, जब राज्य के मंत्री और राकांपा नेता राजेश टोपे शुक्रवार को उनके आवास पर गए थे.जलील ने कहा,“एक बीमारी के कारण अपनी मां को खोने के कुछ दिनों बाद, टोपे शुक्रवार को मुझसे मिलने आए थे.

उन्हांेने कहा कि यह हमेशा आरोप लगाया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी हमारी पार्टी की वजह से मुस्लिम वोटों के बंटवारे के चलते हमेशा जीतती है. इस आरोप को गलत साबित करने के लिए मैंने टोपे को प्रस्ताव दिया कि हम गठबंधन के लिए तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने मेरे प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं कहा.

एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जलील ने शुक्रवार रात संवाददाताओं से कहा कि अब हम देखना चाहते हैं कि क्या ये सिर्फ एआईएमआईएम के खिलाफ आरोप हैं या वे (कांग्रेस और राकांपा) हमारे साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं.

एआईएमआईएम की पेशकश के संबंध में शिवसेना के संभावित रुख के बारे में पूछे जाने पर औरंगाबाद के सांसद ने सीधे जवाब देने से परहेज किया.

उन्होंने कहा, सच तो यह है कि ये पार्टियां मुसलमानों का वोट चाहती हैं. सिर्फ एनसीपी ही क्यों? कांग्रेस भी यही कहती है कि वे धर्मनिरपेक्ष हैं और उन्हें मुसलमानों का वोट भी चाहिए. हम भी उनके साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं. इस देश को सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी ने किया है. हम उन्हें हराने के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं.
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश (चुनाव) में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ भी (गठबंधन के बारे में) बात की थी, लेकिन वे मुसलमानों के वोट चाहते थे, न कि असदुद्दीन ओवैसी, जो पार्टी के प्रमुख हैं.

उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में भी ये पार्टियां (कांग्रेस और राकांपा) मुसलमानों का वोट चाहती हैं लेकिन एआईएमआईएम को नहीं. आप हमें बीजेपी की जीत के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं. मेरा प्रस्ताव है कि फिर हम मिलकर चुनाव लड़ें, ”यह पूछे जाने पर कि क्या औरंगाबाद नगर निगम के लिए गठबंधन का प्रस्ताव सीमित है, जलील ने कहा कि भविष्य की कार्रवाई एआईएमआईएम को राकांपा और कांग्रेस से मिली प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है.

उन्होंने कहा,“नहीं तो हम अकेले चुनाव में जा सकते हैं. हम उन्हें (सहयोगी बनने का) मौका दे रहे हैं क्योंकि वे हमें (भाजपा की) ‘बी‘ टीम कहते हैं. बता दें कि एआईएमआईएम ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीती थीं.

हिंदुत्व नेता संभाजी भिड़े की इस्लाम के बारे में हालिया टिप्पणी पर, जलील ने कहा कि पूर्व की तुलना मुंबई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब से की जा सकती है.कसाब ने भारत को कमजोर करने के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया और यह आदमी विट्रियल का इस्तेमाल कर रहा है. कोई धर्म बुरा नहीं है. उस धर्म का पालन करने वाले लोग अच्छे या बुरे हो सकते हैं. यह व्यक्ति ‘गुरुजी‘ कहने लायक नहीं है. ”

संजय राउत बोले-हम औरंगजेब टाइप राजनीति नहीं करते

उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ गठबंधन के सभी दावों को खारिज कर दिया.

एआईएमआईएम प्रमुख के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार करते हुए राउत ने कहा, ‘‘हम (शिवसेना) उस पार्टी के साथ संबंध नहीं रख सकते जिसके लिए औरंगजेब एक आदर्श है.‘‘