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ईरान की आड़ में विश्वव्यापी हिजाब विरोधी षड़यंत्र, नोएडा की डॉक्टर ने काटे बाल,बनाया वीडियो

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पूरी दुनिया मुस्लिम औरतों के सिर से हिजाब उतारने की साजिश में लगी है. कई देशों और हिंदुस्तान में कर्नाटक सहित विभिन्न प्रदेशों में ‘ड्रेस कोर्ड’ के नाम पर इसपर बंदिश लगाने के बाद अब ईरान की आड़ में इसे पूरी दुनिया से समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

हिजाब इस्लामी संस्कृति का एक अहम हिस्सा होने के बावजूद यह झूठ फैलाया जा रहा है कि मुस्लिम मर्दों ने जबरन अपनी औरतों पर इसे थोप रखा है. अदालतों में हिजाब को इस्लाम का हिस्सा नहीं बताने के बाद तो जैसे हर तरफ आंदोलन छेड़ दिया गया है.

हर देश में अपना-अपना कानून और अपनी संस्कृति होती है. जैसे ईसाइयों के गिरजा घरों में रहने वाली महिलाएं खास तरह का गौन पहनती हैं और भारत की हिंदू औरतें खुद को विवाहित दिखाने को सिंदूर लगाती और मंगल सूत्र पहनती हैं. उसी तरह इस्लामिक देशों और इस्लाम की मानने वाली महिलाएं ‘ पर्दा ’ का अनुशरण करते हुए हिजाब पहनती हैं अथवा चुन्नी की तरह की खास तरह की चादर ओढ़ती हैं. मगर इस्लाम विरोधी इससे हटाने के लिए पूरी शक्ति लगाए हुए हैं.

ईरान सहित कई मुस्लिम देश में हिजाब को लेकर सख्त कानून है. इसका अनुशरण नहीं करने पर जब वहां की मोरल पुलिस की हिरासत में एक युवती की मौत हो गई तो एक साजिश के तहत पूरे ईरान में पश्चिमी देशों के समर्थकांे ने हिजाब के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. चूंकि पश्चिमी देश ईरान को पसंद नहीं करते, इसलिए लगातार इस प्रयास में हैं किसी तरह हिजाब के खिलाफ आंदोलन पूरी दुनिया में फैला दिया जाए. इस आंदोलन से एक तीर से दो शिकार होंगे. हिजाब के खिलाफ विश्वव्यापी जनमत तैयार होगा. दूसरे इस बहाने ईरान के खिलाफ दुष्प्रचार का मौका मिलेगा.

इसी साजिश के तहत पश्चिमी देशों के समर्थक तथाकथित बुद्धिजीवियांे ने भारत में भी हिजाब के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है. ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें हिजाब का विरोध करते दिखाया गया है. यही नहीं एक वर्ग विशेष इसका खुलकर समर्थन भी कर रहा है.

ईरान की माहसा अमीनी की मौत के विरोध में नोएडा के सेक्टर 15 ए की डॉ अनुपमा भारद्वाज ने भी एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डॉक्टर अनुपमा भारद्वाज अपने बाल काटती हुई दिखाई दे रही हैं.

दरअसल ईरान में 18 दिनों से हिजाब के विरोध में चल रहा आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस विरोध में वहां की हाई स्कूल की लड़कियां भी शामिल हो गई हैं. ईरान में बड़ी संख्या में लड़कियां सरकार के खिलाफ इस विरोध में शामिल हो गई हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 17 साल की निका शहकारमी सितंबर महीने में गायब हो गई थी, जिसकी लाश उसके परिवार को करीब 10 दिन बाद वहां के मुर्दाघर से मिली थी.

ईरान यह विरोध प्रदर्शन महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में हुई मौत के कारण शुरू हुआ था. 22 साल की महसा अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. अमीनी की मौत पर ईरान में यह विरोध प्रदर्शन साल 2019 के बाद का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है.

हिजाब के खिलाफ साजिश का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है. गुजरात और मध्य प्रदेश में जब नवरात्रों के दौरान हिंदूवादी संगठनों ने डांडिया खेलने के लिए मुसलमानों पर पाबंदी लगा दी थी, वही लोग हिजाब और बुर्का का मजाक उड़ाने के लिए अपने परिवार की महिलाओं के साथ डांडिया खेलते नजर आए.

ऐसे वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कराए गए. चिंताजनक बात यह है कि हिजाब पर निरंतर हमले हो रहे हैं और 70 फिरकों में बंटा मुसलमा इस मुद्दे पर खामोश है. विरोध में बोल तक नहीं फूट रहे हैं.