Muslim WorldTOP STORIES

APJ Abdul Kalam कलम साहब ने कितनी किताबें लिखीं और उनपर लिखी गई किताबों की संख्या क्या है ? यहां जानें

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

एपीजे अब्दुल कलाम देश के वाहिद ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिन्हांेने न केवल खुद बड़ी संख्या में किताबें लिखीं, उनपर भी किताबें लिखने वालों की संख्या कम नहीं है.हद यह कि उनके साथ काम करने वालों ने भी उनपर कई किताबें लिख डालीं. इस फेहरिस्त में राष्ट्रपति रहने के दौरान उनके प्रेस सचिव रहे एसएम खान, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन में कलाम साहब के वित्त सलाहकार रहे आर रामनाथ और केरल के सीनियर नौकरशाह व कलाम साहब के राष्ट्रपति रहे सचिव पीएम नायर के नाम भी शामिल हैं. कलाम साहब के साथ काम करने वाले अरूण तिवारी और सरजनपाल सिंह तो कलाम साहब की कई किताबों के सह-लेखक भी हैं. स्थिति यह है कि आज भी उनपर काफी कुछ लिखा-पढ़ा जा रहा है.

एसएम खान की पुस्तक का नाम है-द पीपुल्स प्रेजिडेंट: एपीजे अब्दुल कलाम. इसका प्रकाशन ब्लूम्स बेरी ने किया है. आर रामनाथ की हिंदी मंें प्रकाशित किताब है-क्या हैं कलाम और पीएम नायर ने द कलाम इफेक्ट, माई ईयर विथ प्रेजिडेंट शीर्षक से किताब लिखी है.डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियाल ट्रस्ट की सचिव गुलरूख जहीन कहती हैं, ‘‘कलाम साहब की पूरी जिंदगी ज्ञान का समंुंदर है. उनपर जितना लिखा जाए कम ही है.’’ इसी तरह उनकी एक पुस्तक का हिंदी में अनुवाद करने वाले मंजीत ठाकुर का मानना है कि कलाम साहब की किताबें ज्ञान का सागर हैं. पढ़िए और लाभ उठाते जाइए.

अब बातें कलाम साहब द्वारा लिखी गई पुस्तकांे की. एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति, एक पारिवारिक व्यक्ति-ये अवुल पकिर जैनुलाबदीन (एपीजे) अब्दुल कलाम के कुछ विवरण हैं. उन्हें देश के मिसाइल और परमाणु विकास में उनके योगदान के लिए भी जाना जाता है. एक बच्चे के रूप में उन्हें कम उम्र में जीवन के संघर्षों से सामना करना पड़ा था. आधुनिक शिक्षा के कारण उन्हें अपना पारिवारिक व्यवसाय छोड़ना पड़ा. एपीजे अदबुल कलाम को अपनी कम उम्र में परिवार के खर्चों में मदद करनी पड़ी थी. फिर भी वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. और एक वक्त ऐसा आया कि वह वैज्ञानिक सहायकों में से एक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में शामिल हो गए. 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति बने. राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने बहुत ही सरल जीवन जीना जारी रखा. युवाओं और अन्य व्यक्तियों को अपनी पूरी क्षमता से जीवन जीने के लिए प्रेरित किया करते थे.

अवुल पकिर जैनुलाबदीन (एपीजे) अब्दुल कलामी की पुस्तकें

अवुल पकिर जैनुलाबदीन (एपीजे) अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखी हैं. विषय आत्मकथाओं से लेकर विज्ञान, राजनीति तक. उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों की शैली में एक विस्तृत विविधता है. नीचे दी गई तालिका में पूर्व राष्ट्रपति द्वारा लिखी गई सभी पुस्तकों, उनके प्रकाशित होने की तारीख, उनकी शैली, जिस भाषा में वे लिखे गए थे और वे सह-लेखक थे या नहीं, इस पर प्रकाश डाला गया है.

एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में कुल 59 किताबें लिखीं. पूर्व राष्ट्रपति की मृत्यु के बाद भी, उपरोक्त पुस्तकों को प्रकाशित किया. जो नवीनतम प्रकाशित किया गया, उसके के अनुसार पुस्तकांे की सूची तैयार की गई है.

उन्होंने पहली किताब लिखी थी, इंडिया 2020ः ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम. यह पुस्तक उन्होंने यज्ञस्वामी सुंदर राजन के साथ लिखी थी. यह पुस्तक एपीजे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति बनने से पहले लिखी गई थी. यह पुस्तक इस बात पर प्रकाश डालती है कि वर्ष 2020 तक देश सबसे बड़ी शक्तियों में से एक बनने के लिए क्या कर सकता है.

शैलियों में आत्मकथाओं से लेकर बच्चों की किताबें, समाजशास्त्र, प्रेरणादायक और बहुत कुछ शामिल हैं. पूर्व राष्ट्रपति ने अपने जीवनकाल के दौरान इंकलिंक्स और सॉग्स ऑफ लाइफ जैसी पुस्तकों के साथ अपने कार्यों पर प्रकाश डाला. उनकी अधिकांश पुस्तकें अंग्रेजी में लिखी गई हैं. बाद में उनका विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है. हालांकि, कुछ पुस्तकें भारतीय भाषाओं में लिखी गईं, जैसे कि एनथु वेनिन ज्ञान सुदरगल, तमिल में लिखे गए निबंधों का संग्रह और अग्निपंख, मराठी में लिखी गई एक साहित्यिक पुस्तक.

इस सूची में कुछ किताबें शामिल नहीं हैं, जिनके लिए पूर्व राष्ट्रपति ने परिचय या प्रस्तावना लिखी थी. द पॉलिटिकल पिकलः कार्टून्स एंड कैरिकेचर्स और द फ्रेश ब्रू जैसी किताबों में मुख्य रूप से एपीजे अब्दुल कलाम को उनके लेखक के रूप में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने उनके लिए परिचय और प्रस्तावना लिखी है.

अवुल पकिर जैनुलाबदीन (एपीजे) अब्दुल कलाम ने कई व्यक्तियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रभावित और प्रेरित किया है. चाहे जीवन में उनकी स्थिति कुछ भी हो. उनके संघर्ष ठेठ भारतीय के हैं और वे सफल हुए हैं, जो उनके जीवन को और अधिक प्रेरणादायक बनाता है. भारत के लिए उनका सपना, देश को विशेष रूप से आर्थिक शक्तियों के मामले में एक ताकत बनाने के लिए, कुछ ऐसा है जो अधिकांश नागरिक भी सपना देखते हैं. ये सभी पुस्तकें पूर्व राष्ट्रपति के आदर्शों को प्रदर्शित करती हैं और आपको अपने देश की सराहना करने और उससे अधिक प्यार करने के लिए प्रेरित करती हैं.

इनपुट: इंडिया ट्रैवेल फोरम