इंटरव्यू: ए आर रहमान बोले-संगीतकारों के लिए टेक्नोलॉजी वरदान
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अबू धाबी
विश्व प्रसिद्ध संगीत आइकन ए.आर. रहमान अबू धाबी के एतिहाद एरिना में एक विशेष लाइव कॉन्सर्ट में अपने प्रशंसकों को खुश करने की तैयारी में हैं. इस बीच उन्हांेने मीडिया से बात की. रहमान बोले, मैं अबू धाबी के द्वीप एतिहाद एरिना में पहली बार लाइव प्रदर्शन करने को लेकर रोमांचित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं हमेशा विश्व स्तर पर संगीत का जश्न मनाने और दुनिया भर में अपने प्रशंसकों और संगीत के प्रति उत्साही लोगों से जुड़ने का प्रयास करता हूं!
उन्होंने अपनी आगामी परियोजनाओं और संगीत उद्योग में अपने पसंदीदा और प्रौद्योगिकी के उपयोग सहित चल रहे विकास के बारे में कई बातों का खुलासा किया …
प्रश्नः आपने दुबई में कई संगीत कार्यक्रम किए हैं. यह हमेशा एक थीम के साथ होता है. अबू धाबी संगीत कार्यक्रम का विषय क्या है? इस बार यह अलग होगा या कुछ ऐसा जो हमने पहले कभी नहीं देखा?
रहमानः आपको इंतजार करना चाहिए. बेशक, क्योंकि हमारे गाने का प्रदर्शन ठीक है. फिर भी अगर आप कुछ चीजों पर प्रभाव छोड़ते हैं, तो आप दर्शकांे को व्यस्त कर सकते हैं. मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छी सफलता है. आप उस अनुभव को आगे भी याद करते हैं. इसलिए, हम हमेशा सोचते हैं कि क्या अनुभव दे सकते हैं. लेकिन इस अवधारणा के बारे में हमने वास्तव में तीन महीने तक सोचा और कोई विचार नहीं आया. मेरी बेटी की शादी थी. पूरी टीम इसमें व्यस्त थी.
प्रश्नः हर बार जब आप कोई संगीत कार्यक्रम करते हैं, तो कुछ गाने ऐसे होते हैं जो दर्शकों से वास्तव में जुड़ते हैं. उदाहरण के लिए, जय हो, छइयां छइयां. क्या आप उन गानों को इसलिए करते हैं क्योंकि दर्शक इसकी मांग करते हैं या कुछ गाने जो आपके बहुत करीब हैं जैसे मां तुझे सलाम?
रहमानः यह कहना कठिन है. कुछ चीजें जो हमें करनी चाहिए, लेकिन अन्य चीजें जिनकी हम उम्मीद भी नहीं करते हैं. कभी-कभी लोग प्यार करतें हैं और हम उसे करते हैं. इस साल हमने यूएस में 23-कॉन्सर्ट किया. हर जगह मेरे पास एक अलग रेंज था. हर जगह की अपनी पसंद होती है. इसलिए, यह निर्धारित करना कठिन है कि हमने क्या तय किया है. हम क्या पसंद करते हैं और हमें क्या करना चाहिए.
प्रश्नः संगीत उद्योग के दृष्टिकोण से क्या तकनीकी निर्भरता ने माधुर्य को छीन लिया है जो हमारे संगीत का हिस्सा हुआ करता था? क्या तकनीक मानव स्पर्श की जगह ले लेगी ?
रहमानः तकनीक हमेशा से थी. आपको पता है, मैंने भी अपना पहला कंप्यूटर 1985 में खरीदा था. फिर 1987 में अपना पहला सैंप्लर खरीदा. मेरा आधार तकनीक था, लेकिन चुनौती यह है कि आप आत्मा को प्रौद्योगिकी में कैसे इंजेक्ट कर सकते हैं. आप तकनीक को अपनी भाषा कैसे बोलने दे सकते हैं? क्योंकि अगर यह आपको अंदर खींचता है, तो फिर कोई मतलब नहीं है. लेकिन आप तकनीक के साथ क्या करना चाहते हैं यह समझते हैं. क्या यह एक कहानी कह रही है? क्या यह संगीत की कहानी कहने में मदद कर रही है? यह समझते ही चीजें आसान हो जाती हैं.
इसपर 1985 से चर्चा चल रही है. इंसान इंसान है. इंसान हमेशा टेक्नोलॉजी को मात दे सकता है, क्योंकि वे उत्कृष्टता के नए तरीके खोजते हैं. मेरा मतलब है, यह अच्छी बात है और बुरी बात भी है. यह कुछ चीजों के लिए अच्छा है.
प्रश्न: फिल्म तमाशा में एक दृश्य है, जहां वेद तारा को प्रपोज करता है और वह मना कर देती है. उस दृश्य के स्कोर के पीछे आपका क्या विचार था. आपने इसे कैसे प्राप्त किया?
रहमानः जब इम्तियाज (अली) ने मुझे कहानी सुनाई और दूसरा भाग बहुत गहरा था. और यही मुझे कुछ निर्देशकों के बारे में पसंद है. वे अन्य लोगों की तुलना में अधिक गहराई तक जाते हैं. इम्तियाज ऐसे निर्देशक हैं, जो दूसरों की तुलना में गहराई तक जाते हैं और वह अपने निजी अनुभव को दर्शाते हैं. इसलिए यहां सीन की जरूरत के हिसाब से म्यूजिक की जरूरत थी.यह पूरी फिल्म के लिए था.