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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच बताए कि देश के कितने मदरसे राष्ट्रीय विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं ? सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों की बदहाली कब दूर होगी ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इसमें कतई दो राय नहीं कि देश के मदरसों की स्थिति बदलनी चाहिए. इसेे आधुनिक शिक्षा से भी जोड़ा जाना चाहिए. मगर इसकी बदहाली जाहिर करने के लिए क्या इसे आतंकवाद से जोड़ना जरूरी है ? यूपी, असम, मध्य प्रदेश सहित भाजपा के अधिकांश शासित प्रदेशों में यह बताकर मदरसों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है कि इसके छात्र सामान्य स्कूलों में  पढ़ने वाले बच्चांे के मुकाबले नहीं ठहर सकते. मगर इन प्रदेशों की सरकारों ने अब तक यह खुलासा नहीं किया है कि मदरसे की बदहाली को सुधारने और इसे आधुनिक बनाने के लिए उसके पास क्या रोडमैप और बजट है ? यही नहीं सर्वे से पहले मदरसों के संचालकों को विश्वास में लिए बगैर सर्वे के नाम पर हव्वा खड़ा करने की कोशिश क्यों की गई? यही नहीं मदरसा बोर्ड से संबध मदरसों की हालत कब सुधरेगी, उनके शिक्षकों को नियमित वेतन देने की व्यवस्था कब होगी ?

इस बारे में भी कोई खुलासा नहीं किया गया है. इस पर तुर्रा यह है मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर मुसलमानों में पल रहे असंतोष और खौफ को शांत करने के लिए अब उन्हें आतंकवाद का खौफ दिखाया जा रहा है. इसके लिए संघ के मुस्लिम संगठन को अगो किया गया है. चिंताजनक बात यह है कि संघ का यह संगठन मुसलमानों की जिज्ञासा शांत करने के बजाए उन्हें खौफ से भर रहा है. इसके कुछ नेता तो मदरसों को लेकर ऐसे बयान दे रहे हैं मानों देश के सारे मदरसे आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्र में बदल गए हैं. यहां से केवल आतंकवादी या जाहिल निकलते हैं. सर्वेक्षण के बाद वे इन समस्याओं से मुक्त हो जाएंगे. इसी तरह जैसे भ्रष्टाचार के आरोप बीजेपी में आकर पाक-साफ हो जाते हैं.

ऐसे ही नेताओं में एक हैं आरएसएस के मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय  माजिद तालिकोटि. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और बीजेपी सरकार तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती.बीजेपी सरकार जनमानस से जुड़े मुद्दों को तरजीह देते हुए नीति निर्धारण का काम करती है.

तालिकोटि ने जोर कर कहा कि मदरसे को पीएफआई, लश्कर, जैश ए मोहम्मद जैसी राष्ट्रविरोधी ताकतों का अड्डा कतई नहीं बनने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वक्त आगया है,जब देशविरोधी ताकतों को पूरी तरह उखाड़ फेंका जाए. इसके लिए जरूरी है कि पूरे देश में मदरसों का सफलतापूर्वक सर्वे, उसका आधुनिकीकरण तथा मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए.
 
मंच के राष्ट्रीय संयोजक ने यह बातें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मदरसे मदरसतुल इस्लाह सरायमीर के प्रांगण में अलइस्लाह मल्टी स्पेशलिस्ट हास्पिटल के शिलान्यास के मौके पर कही.इस मौके पर कई वरिष्ठ चिकित्सक, समाजसेवी, बुद्धिजीवी वर्ग तथा सभी वर्गों और समुदायों से आए लोगों ने देश की एकता, अखंडता, भाईचारे, कौमी इत्तेहाद के तहत मिल कर अस्पताल की नींव रखी तथा देश के चौतरफा विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की शपथ ली.

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर फखरुल इस्लाम ने की. अलाउद्दीन ने इस हॉस्पिटल के बनने में ने वाली लागत और दी जाने वाली सुविधाओं समेत अनेक बिन्दुओं पर विस्तार से बताया. कार्यक्रम का संचालन मौलाना सरफराज इस्लाही मदनी ने किया.
 
शुरुआत तिलावते कुरान से की गई. विशिष्ठ अतिथि बहरीन की कंपनी के शकील अहमद सबरहती रहे.राष्ट्रीय संयोजक तालिकोटि ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ, सरकार और संगठन राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने के लिए कटिबद्ध है. ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि समाज की बेहतरी के लिए अपने स्तर पर सच्ची लगन और निष्ठा से जी तोड़ प्रयास किए जाएं. इसी कड़ी में आजमगढ़ की सरजमीं पर एक मदरसे को आधुनिक रूप देते हुए इसके साथ विशाल चिकित्सा केंद्र खोले जाने की शुरुवात की गई है. उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि इस मदरसे के पढ़े लिखे लोग देश ही नहीं विदेशों में डाक्टर, इंजीनियर, वकील समेत अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.

तालिकोटि ने मदरसे के आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश के सभी मदरसों को सरकार का पूर्णतः साथ देते हुए गंभीरता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश को मजबूती तभी मिलेगी जब समाज अंदर से सबल, सजग, सशक्त होगा. ऐसे में यह जरूरी है कि मदरसे के बच्चे दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा को अपनाएं.

तालिकोटि ने कहा कि दिल्ली में 22 सितंबर को जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेताओं डॉक्टर कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार के साथ एक मदरसे का दौरा किया ,जहां मदरसे के बच्चों से बड़ी ही सार्थक और भविष्य के लिए जागरूक करने वाली बातें हुई. संघ प्रमुख ने बच्चों से बात चीत के दौरान भारत की चौहद्दी और पड़ोसी देशों के बारे में पूछा. यह भी जानने की कोशिश की कि भविष्य में आप लोग क्या बनना चाहते हैं?

संघ प्रमुख की बातों के जवाब में मदरसों के बच्चों ने अपनी बात रखते हुए अलग अलग राय रखी. जिसमें किसी ने डॉक्टर, किसी ने साइंटिस्ट, किसी ने आईएएस किसी ने प्रोफेसर बनने की ख्वाहिश जाहिर की. बच्चों के इन मासूम जवाबों पर संघ प्रमुख ने कहा कि बच्चों आपका यह सपना तभी सफल होगा जब मदरसों में आधुनिक शिक्षा दी जाएगी. तालिकोटि ने कहा कि मोहन भागवत की उन्हीं सीख को बढ़ाते हुए यह अपील करता हूं कि देश के मदरसों को अपने यहां आधुनिक शिक्षा का पूरा प्रबंध करना चाहिए ताकि आज के बच्चे कल का बुलंद भारत बनाने में अपना सम्पूर्ण योगदान दे सकें.