CultureMuslim WorldPoliticsTOP STORIES

बदरुद्दीन अजमल फिर चुने गए एआईडीयूएफ अध्यक्ष, नीतीश के महागठबंधन में आने को तैयार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,गुवाहाटी

बदरुद्दीन अजमल पार्टी की आम बैठक में एक बार फिर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के अध्यक्ष चुन लिए गए.एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा एआईडीयूएफ के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद, अजमल ने कहा, “एआईडीयूएफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ने के लिए अखिल भारतीय स्तर के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार है. नीतीश कुमार द्वारा बनाए जा रहे अखिल भारतीय महागठबंधन का हमने स्वागत किया है. हम चाहते हैं कि यह असम में भी सफल हो. वे एक महीने में यहां आएंगे. हम उम्मीद करते हैं कि ममता बनर्जी और कांग्रेस तब तक इसमें शामिल हो जाएंगे. इसका गठन केंद्र में भाजपा को अलविदा कहने के लिए किया गया है.

उन्होंने हिजाब मुद्दे और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर भी हमला बोला. एआईडीयूएफ अध्यक्ष ने कहा,“भारत में, यूसीसी को कभी भी लागू नहीं किया जा सकता है. हर किसी की अपनी संस्कृति होती है. किसी को भी किसी विशेष संस्कृति का पालन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.

मिया संग्रहालय के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, इसमें कोई मुद्दा नहीं है. यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है. बता दें कि असम सरकार ने इसे आतंकवाद से जोड़कर संग्रहालय को बंद करा दिया है.
मिया परिषद ने हाल ही में असम के गोलपारा जिले के दपकरभिता लखीपुर क्षेत्र में एक निजी मिया संग्रहालय का उद्घाटन किया था, जो विवादों में घिर गया. स्वदेशी असमिया समुदाय इसे अपनी पहचान के लिए एक खतरे के रूप में बता रहा है.इस संग्रहालय में कलाकृतियों के बीच पारंपरिक कृषि उपकरण, मछली पकड़ने के उपकरण और लुंगी का प्रदर्शन किया था.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि संग्रहालय में लुंगी के अलावा कुछ भी मिया समुदाय से संबंधित नहीं है.कहा कि राज्य सरकार मामले की जांच करेगी.मुझे समझ में नहीं आता कि यह संग्रहालय क्या है। लुंगी (कपड़े का एक टुकड़ा) को छोड़कर जो सामग्री वहां रखी गई है वह असमिया लोगों की है. उन्होंने नंगोल (भूमि जोतने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण), मछली पकड़ने के उपकरण वहां रखे हैं, लेकिन हमारे अनुसूचित जाति के लोग दशकों से इन पारंपरिक प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं.

इस बीच, जिला प्रशासन ने संग्रहालय को यह कहते हुए सील कर दिया है कि संग्रहालय का उद्घाटन सरकार द्वारा वित्त पोषित पीएमएवाई हाउस में अवैध रूप से किया गया है. संग्रहालय से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.