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मिस्र में पहले इस्लाम और पर्यावरण पर पुस्तक का विमोचन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काहिरा

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2022 रविवार को शर्म अल शेख में शुरू हुआ. काहिरा मिस्र संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है. इस बीच अवकाफ मंत्रालय ने शनिवार को पर्यावरण और इस्लाम के बीच संबंधों पर एक किताब जारी की.

‘प्रोटेक्टिंग द इन्वायरमेंट बिटवीन लेजिस्लेटिव एंड ह्यून रिस्पांसबिलिटी’ यानी विधान और मानव उत्तरदायित्व के बीच पर्यावरण की रक्षा(Protecting the Environment Between Legislative and Human Responsibility) शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक में इस्लाम के हित और इसे सार्वजनिक संपत्ति के रूप में संरक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है.

औकाफ मंत्री मोहम्मद मुख्तार गोमा और कई विद्वानों ने पुस्तक के लेखन और प्रकाशन में योगदान दिया है. इसमें बताया गया है कि इस्लामिक शरिया पर्यावरण की रक्षा पर इस आधार पर विशेष ध्यान देता है कि देश और उसके लोगों के हितों को प्राप्त करने में मदद करने वाली कई बातें धर्म के मूल में हैं.

गोमा ने पुस्तक के अपने परिचय में कहा, हमारा इस्लाम पर्यावरण के मुद्दे और सार्वजनिक संपत्ति के रूप में इससे निपटने की आवश्यकता से संबंधित है.उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर अतिक्रमण के खतरे कई गुना बढे हैं. यह इतने तेज हो गए हैं जिससे पूरी मानवता को खतरा पैदा हो है.

पुस्तक में निहित शोध में अल-अजहर विश्वविद्यालय में न्यायशास्त्र विभाग के प्रमुख मोहम्मद अल-जबाली का एक अध्ययन है, जिसमें उन्होंने कहा, इस्लाम ने पर्यावरण और ब्रह्मांड पर विशेष ध्यान दिया और पारिस्थितिक प्राप्त करने के उद्देश्य से नियम निर्धारित किए ताकि संतुलन और स्थिरता बनी रहीे. ”

उन्होंने कहा, कानूनी ग्रंथ पर्यावरण के तत्वों को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ चेतावनी देते हैं. इसके अलावा मजहब, आत्मा, संतान, कारण, धन और मातृभूमि जैसी जीवन की अनिवार्यताओं के संरक्षण पर विद्वानों ने सहमति व्यक्त की.

वनीकरण पर पुस्तक के एक अलग अध्ययन में, मिस्र के पर्यावरण मामलों की एजेंसी के महानिदेशक, अहमद अब्बास ने कहा, बगीचे और पार्क स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सरकारी संस्थानों की छतों पर लगाने का आह्वान ध्यान देने योग्य है क्योंकि इससे पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक, विकास और आर्थिक लक्ष्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.

उन्होंने कहा कि मिस्र की बी रेडी फॉर ग्रीन पहल ने पर्यावरण जागरूकता फैलाने, गलत व्यवहार बदलने और नागरिकों को भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए पर्यावरण के संरक्षण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की मांग की है.