असमः आतंकवाद की आड़ में मदरसा शिक्षकों की भर्ती पर नकेल की तैयारी, सरमा सरकार ने ब्योरा मांगा ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,गुवाहाटी
कथित आतंकवाद की आड़ में असम सरकार मस्जिद और मदरसों पर लगातार अपना शिकंजा कसती जा रही है. सरकारी कार्रवाई के विरोध में सुर धीमा होने की वजह से अब असम के तमाम मदरसों के शिक्षकों का ‘शिजरा’ तलाशने की तैयारी चल रही है.
असम सरकार ने राज्य के सभी मदरसों को उनके द्वारा नियोजित शिक्षकों के बारे में एक दिसंबर तक जानकारी देने को कहा है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
कथित आतंकी संबंधों के आरोप में कुछ शिक्षकों को गिरफ्तार किए जाने के बाद मदरसे सरकारी जांच के दायरे में आ गए हैं. राज्य प्रशासन ने यहां तक कि तीन मदरसों को ध्वस्त भी कर दिया, जबकि ऐसी ही एक अन्य संस्था को आम लोगों ने तहस-नहस कर दिया. हालांकि उनके बारे में कहा जाता है कि वे सरकार और एक खास पार्टी समर्थक थे.
जब इस कदम की आलोचना हुई, तो राज्य सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया. नवीनतम समय में सीमा बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), भास्करज्योति महंत की बैठक के दौरान निर्धारित की गई. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मदरसों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
विशेष रूप से, कुछ मदरसा शिक्षकों सहित 47 लोगों को पिछले छह महीनों में कथित तौर पर अल-कायदा इन इंडिया उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) मॉड्यूल के साथ संदिग्ध आतंकवादी संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, असम सरकार से इन गिरफ्तारियों और इनके आतंकवादी कारनामे के सबूत सार्वजनिक करने की मांग उठती रही है, पर इसपर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.