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क्या आपको पता है दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया है ? यहां जानें सब कुछ

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

भूकंप से जिस देश इंडोनेशिया में 162 लोगों की मौत हो गई और कई क्षेत्र बुरी तरह तबाह हो गए, दरअसल, उसका इतिहास बहुत दिलचस्प है. इसकी एक दिलचस्प बात तो यही है कि भारत, पाकिस्तान और सउदी देश भले ही सबसे बड़ी मुस्लिम देश होने का दावा करें, पर हकीकत यह है कि इडोनेशिया मुसलमानों की आबादी मंे पूरी दुनिया मंे अव्वल है.

इंडोनेशिया गणराज्य दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक विशाल देश है. जिसकी राजधानी जकर्ता से (कालिमन्तन ) नूसन्तारा हो गई है. 17,508 द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 27 करोड़ है, यह दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. इस देश की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है, जबकि अन्य पड़ोसी देशों सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र शामिल है.

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इतिहास

ईसा पूर्व चौथी शताब्दी से ही इंडोनेशिया द्वीपसमूह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र रहा है. बुनी अथवा मुनि सभ्यता इंडोनेशिया की सबसे पुरानी सभ्यता है. चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तक ये सभ्यता काफी उन्नति कर चुकी थी. ये हिंदू एवं बौद्ध धर्म मानते थे और ऋषि परंपरा का अनुकरण करते थे. अगले दो हजार साल तक इंडोनेशिया एक हिंदू और बौद्ध देशों का समूह रहा. यहां हिंदू राजाओं का राज था. किर्तानेगारा और त्रिभुवना जैसे राजा यहां सदियों पहले राज करते थे. श्रीविजय के दौरान चीन और भारत के साथ व्यापारिक संबंध थे. स्थानीय शासकों ने धीरे-धीरे भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रारुप को अपनाया और कालांतर में हिंदू और बौद्ध राज्यों का उत्कर्ष हुआ. इंडोनेशिया का इतिहास विदेशियों से प्रभावित रहा है, जो क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की वजह से खिंचे चले आए. मुस्लिम व्यापारी अपने साथ इस्लाम लाए. विदेशी व्यापारी मुस्लिम यहां आकर व्यापार के साथ अपना धर्म भी फैला रहे थे जिसके कारण यहां की पारंपरिक हिंदू और बौद्ध संस्कृति को पुर्णतरू समाप्त हो गई, परंतु इंडोनेशिया के लोग भले ही आज इस्लाम को मानते हों, पर यहां आज भी हिंदू धर्म समाप्त नहीं हुआ है. यहां के इस्लामी संस्कृति पर हिंदू धर्म का प्रभाव दिखता है. लोगों और स्थानों के नाम आज भी अरबी एवं संस्कृत में रखे जाते हैं. यहां आज भी पवित्र कुरान को संस्कृत भाषा मंे पढ़ी व पढ़ाई जाती है. यूरोपिय शक्तियां यहां के मसाला व्यापार में एकाधिकार को लेकर एक-दूसरे से लड़ीं. तीन साल के इटालियन उपनिवेशवाद के बाद द्वितीय विश्व युद्ध इंडोनेशिया को स्वतंत्रता प्राप्त हुई.

नामोत्पत्ति
इसका और साथ के अन्य द्वीप देशों का नाम भारत के पुराणों में दीपांतर (दीपान्तर) भारत (अर्थात सागर पार भारत) है. यूरोप के लेखकों ने 150 वर्ष पूर्व इसे इंडोनेशिया (इण्डोनेशिया) दिया और यह धीरे धीरे लोकप्रिय हो गया. देवान्तर‎ (देवांतर) पहला देशी था जिसने अपने राष्ट्र के लिए इंडोनेशिया (इण्डोनेशिया) नाम का प्रयोग किया. कावी भाषा में लिखा भिन्नेक तुंग्गल इक (भिन्नता में एकत्व) देश का आदर्श वाक्य है. दीपांतर नाम अभी भी प्रचलित है. इंडोनेशिया अथवा जावा भाषा के शब्द नुसान्तर में. इस शब्द से लोग बृहद इंदोनेशिया समझते हैं.

अर्थव्यवस्था

इंडोनेशिया एक मिश्रित अर्थव्यवस्था वाला देश है. जिसमें निजी क्षेत्र एवं सरकारी क्षेत्र दोनों की भूमिका है. इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. सन 2010 में, इंडोनेशिया का अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (नाममात्र) लगभग 910 अरब डॉलर था. सकल घरेलू उत्पाद में सबसे अधिक 44.4 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का है. इसके बाद सेवा क्षेत्र 37.1 प्रतिशत एवं उद्योग 19.5 प्रतिशत योगदान करती है. 2010 से, सेवा क्षेत्र ने अन्य क्षेत्रों से अधिक रोजगार दिए हैं. हालांकि, कृषि क्षेत्र सदियों तक प्रमुख नियोक्ता था. इंडोनेशिया विश्व की 8वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2050 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और महाशक्ति बन जाएगा.विश्व व्यापार संगठन के अनुसार 2020 में चीन को पीछे छोड़ कर इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया. तेल और गैस, इलेक्ट्रिकल उपकरण, प्लाय-वुड, रबड़ एवं वस्त्र मुख्य निर्यात हैं. रसायन, ईंधन एवं खाद्य पदार्थ भी मुख्य निर्यात सामग्री में से है. विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था 4 खरब डॉलर की है.

भाषा

यहां की मुख्य भाषा इंडोनेशिया है. अन्य भाषाओं में जावा, बाली, भाषा सुंडा, भाषा मदुरा आदि भी हैं. प्राचीन भाषा का नाम कावी है जिसमें देश के प्रमुख साहित्यिक ग्रंथ हैं. अंग्रेजी एवं अरबी भाषा का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है.

इंडोनेशिया की चुनौतियां

इंडोनेशिया का इतिहास उथलपुथल भरा रहा है. चाहे वह प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हो, भ्रष्टाचार की वजह से, अलगाववाद या फिर लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया से उत्पन्न चुनौतियां हों. 26 दिसंबर 2004 में आई सुनामी लहरों की विनाशलीला से यह देश सबसे अधिक प्रभावित हुआ था. यहां के आचे प्रांत में लगभग डेढ़ लाख लोग मारे गए थे और हजारों करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था.