Muslim WorldPoliticsTOP STORIES

2008 मालेगांव मस्जिद ब्लास्ट केसः बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, समीर कुलकर्णी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से डिस्चार्ज अर्जी वापस ली

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,मुंबई

मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए 2008 में मालेगांव मस्जिद के निकट बम बलास्ट करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और समीर कुलकर्णी ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपनी डिस्चार्ज अर्जी वापस ले ली.

साथ ही, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने यह दावा करते हुए अपना आवेदन वापस ले लिया कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए यूएपीए की मंजूरी दोषपूर्ण है. इससे पहले 16 नवंबर को, विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई करते हुए एक गवाह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जो अपना बयान दर्ज करने के लिए दो बार समन किए जाने के बावजूद पेश होने में विफल रहा.

गवाह महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते की टीम में था जिसने शुरू में विस्फोट मामले की जांच की थी.मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उक्त गवाह की तबियत करीब एक साल से ठीक नहीं है, इसलिए वह अपना बयान दर्ज कराने नहीं आ रहा है. हालांकि, गवाह ने कहा कि वह ठीक होने के बाद अपना बयान दर्ज कराने आएगा.दो समन के बाद पेश नहीं होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है.

गौरतलब है कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में अब तक 29 गवाह मुकर चुके हैं.29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव शहर में मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए थे. मामले के सभी सात आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं.

23 अक्टूबर, 2008 को, महाराष्ट्र एटीएस ने भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी.20 जनवरी 2009 को एटीएस ने अपनी जांच पूरी करने के बाद मामले में आरोप पत्र दायर किया. अप्रैल 2011 में, केंद्र सरकार ने मामले की जांच एनआईए को सौंप दी.बाद में समीर कुलकर्णी, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिलकर और सुधाकर चतुर्वेदी सहित अन्य आरोपी भी पकड़े गए.