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मिलिए, कश्मीरी ‘न्यूटन’ मुहम्मद इस्माइल मीर से

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, बांदीपोरा (जम्मू और कश्मीर)

उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के एक 70 वर्षीय मुहम्मद इस्माइल मीर उर्फ ​​​​‘न्यूटन’ की सूबे में खास पहचान है. उन्होंने गंभीर रूप से बीमार लोगों को राहत देने के लिए खास तरह का यंत्र इजाद किया है.इस्माइल बताते हैं, उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. आर्थिक समस्याओं के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इसके बावजूद तकनीकी आविष्कारों के लिए उनके मन में हमेशा उत्साह बना रहा.

इस्माइल तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए स्कूल छोड़ने के बाद आईटीआई में दाखिल हो गए, लेकिन उन्हें वहां से भी जाना पड़ा, क्योंकि वे लगातार अपने प्रोफेसर को चुनौती दे रहे थे. यह मामला बड़े अधिकारियों तक पहुंचा. इसके बाद उन्हें समय से पहले आईटीआई की पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

2019 में इस्माइल ने एक स्वचालित श्वासयंत्र बनाया जो गंभीर रूप से बीमार रोगियों को अत्यधिक सहायता प्रदान करता है. यह रोगी को लगातार वायु उपकरण से पंप करता है. इसे किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सहायता के बिना उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस्माइल ने दावा किया कि बोस्टन, यूएसए में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इनकी स्वचालित श्वासयंत्र का लोहा माना है. उनके मुताबिक, उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से मान्यता प्रमाणपत्र और इस स्वचालित श्वासयंत्र मॉडल के निर्माण के लिए 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्राप्त किया है.

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की मान्यता से उत्साहित इस्माइल ने कहा कि जब कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी और हर कोई ऑक्सीजन के लिए तरस रहा था, तब उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का खाका तैयार किया. उन्होंने कहा, मैंने एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की स्थापना की, क्योंकि कोविड महामारी के कारण इसकी जबरदस्त मांग थी. अगर कोई कंपनी यहां इसका निर्माण शुरू करती है, तो मैं एक योजना बनाऊंगा.

इस्माइल ने पहले भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोटोटाइप की विविधता उत्पन्न की है. जनता और स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा उनके उपक्रमों को बड़े पैमाने पर महत्व दिया गया है.2019 में अपने बड़े बेटे डॉ. जमशेद की कैंसर से मृत्यु के बावजूद इस्माइल ने अपने आविष्कारशील स्वभाव का पीछा करना नहीं छोड़ा. उनके दिवंगत बेटे के कई दोस्तों ने बांदीपोरा में उनके आवास पर 5 लाख की लागत वाली इन सीटू फैब लैब स्थापित की है.

इस्माइल ने कहा कि उन्होंने अपना पहला आविष्कार 2008 में किया था, जब उन्होंने फायर अलार्म इंस्टालेशन के साथ मोशन सेंसर के साथ एक लालटेन बनाया था.इस्माइल ने हाल ही में कश्मीर के पारंपरिक शीतकालीन हीटिंग गैजेट कांगड़ी को संशोधित किया और इसकी उत्पादकता को बढ़ाया. इसे किसी भी प्रकार के मौसम में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाया गया है. यह सर्दियों के उपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि गर्मी के मौसम में शीतलन प्रणाली के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

वह हाल के कई आविष्कारों पर भी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जो कुछ भी संभव है, समाज को लाभान्वित करने के लिए अपनी ओर से कोशिश कर रहा हूं. कल्पना और रचनात्मकता दो ऐसी क्षमताएं हैं, जिन्हें आज के समाज में अत्यधिक सम्मानित किया जाता है और इसकी अधिक प्रशंसा की जानी चाहिए.

इस्माइल ने कहा, हमारे पास एक ऐसा माहौल है जो आविष्कार को पागलपन का नाम देता है, लेकिन हमारी जीत अतिरिक्त अपमानजनक व्यक्तियों और उनकी नाराजगी को पहचानने में होगी, ताकि रचनात्मकता विद्रोह हमारे देश में फैल सके.