समाजिक रूप से सक्रिय बिहार के चर्चित ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ.बीएच खान नहीं रहे
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, पटना
बिहार के चर्चित हड्डी-जोड़ विशेषज्ञ डॉ.बीएच खान का शुक्रवार की शाम पटना में इंतेकाल हो गया. उनका संबंध इस सूबे के मध्य बिहार की राजधानी कहे जाने वाले गया जिले से था, पर लबे अर्से से पटना के शरीफ कॉलोनी में रह रहे थे.पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे.
उनकी उम्र 80 साल के करीब थी.सामाजिक-राजनीतिक तौर पर उनकी बिहार की अच्छी पहचान थी.शुरुआती दिनों में साउदी अरब में रहने के बाद अस्सी के दशक में गया लौटे और फिर वहीं प्रैक्टिस शुरू की.हड्डी रोग के बेहतरीन डॉक्टर थे.बाद में गया के साथ पटना में भी मरीज देखने लगे.मगर गया से उनका रिश्ता बना रहा.गया में ख््वाजा गरीब नवाज फुटबॉल टूर्नामेंट कराने का श्रेय डॉ.बीएच खान को जाता है,जिसमें देश भर की बड़ी फुटबॉल टीमें शामिल हुआ करती थीं.
ऑल इंडिया मुशायरा और सेमिनार के आयोजन में भी उन्होंने सक्रीय भूमिका निभाई थी.गया की जामा मस्जिद कमिटी के अध्यक्ष भी रहे.पटना में हज यात्रा के दौरान भी वह सक्रीय भूमिका निभाते थे.उनकी मेहमाननवाजी मशहूर थी.उनका राजनीतिक संबंध जदयू से था.नीतीश कुमार के करीबी मुस्लिम रहनुमाओं में शुमार थे.एक बेटी गया में डॉक्टर है और दूसरी बेटी पटना में पार्षद का चुनाव लड़ रही है.उनके निधन से सियासी-सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है.