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बाल विवाह मामले में कम उम्र लड़की की मौत, कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री को लताड़ा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, गुवहाटी

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने 16 वर्षीय गर्भवती विवाहित लड़की की बोंगाईगांव जिले के अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत के बाद बाल विवाह पर असम सरकार की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को जमकर लताड़ा.

गोगोई ने ट्वीट किया- इस मासूम लड़की की मौत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हाथों हुई है, जिनके मूर्खतापूर्ण कदम के कारण गर्भवती किशोरियां प्रसव के लिए अस्पतालों से बचती हैं. शिशु मां के बिना है और पिता जेल में है. ”

दूसरी ओर, गुरुवार को असम कैबिनेट ने बाल विवाह विरोधी अभियान के लिए पुलिस की प्रशंसा की और उन्हें दबाव बनाए रखने का निर्देश दिया गया. इस बीच कई मुस्लिम संगठन ने असम सरकार पर बाल विवाह के नाम पर मुसलमानों को टर्गेट करने का आरोप लगाया है. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इस मामले मंे असम सरकार को अदालत मंे घसीटने की तैयारी में है.

गोगोई ने कहा,आज, हमें पता चला कि एक किशोर मां की मृत्यु हो गई, क्योंकि समुदाय और आशा कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति में प्रसव के दौरान जटिलताओं के कारण उसकी मृत्यु हो गई. सामान्य परिवारों को भी लगता है कि आशा कार्यकर्ता सरकार और स्थानीय पुलिस को मामले की रिपोर्ट करेंगी.

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि 18 साल से कम उम्र की गर्भवती लड़कियां अस्पतालों के बजाय घर पर जन्म देने का विकल्प चुन रही हैं, क्योंकि वे अपने पिता और जीवनसाथी को कैद होने से डरती हैं.

तथ्यों के अनुसार, परिवार के सदस्यों द्वारा घर पर बच्चे को जन्म देने का प्रयास करने के बाद उक्त लड़की को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने उसे चलंतपारा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बोंगाईगांव रेफर कर दिया.बोंगाईगांव जाते समय किशोरी की मौत हो गई.इस बीच, पुलिस ने मृतक लड़की के पति साहिनूर अली और पिता अयनल हक को हिरासत में ले लिया.

बाल विवाह पीड़ितों के पुनर्वास की रणनीति को 15 दिनों के भीतर पूरा करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने एक उपसमिति का भी गठन किया है. गुवाहाटी में राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया.कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार फैसला लेगी.

राज्य भर में बाल विवाह से जुड़े मामलों में असम पुलिस ने अब तक 2,763 गिरफ्तारियां की हैं.असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाल विवाह के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है.इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. हम इस सामाजिक अपराध के खिलाफ अपनी लड़ाई में असम के लोगों का समर्थन चाहते हैं.

प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल के अनुसार, उन्होंने इस सप्ताह के शुरू में उठाए गए कदमों को सही ठहराते हुए दावा किया कि पिछले साल असम में 6.2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं में से लगभग 17 प्रतिशत किशोर थीं.