ईरानी फाउंडेशन रुश्दी के हमलावर को देगा कृषि भूमि, किया इनाम का ऐलान
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
एक ईरानी फाउंडेशन ने सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले व्यक्ति के लिए 1,000 वर्ग मीटर कृषि भूमि बतौर इनाम देने की घोषणा की है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इमाम खुमैनी के फतवों को लागू करने के लिए फाउंडेशन के सचिव मोहम्मद इस्माइल जरेई ने कहा, हम ईमानदारी से उस युवा अमेरिकी की बहादुर कार्रवाई का शुक्रिया अदा करते हैं जिसने रुश्दी की आंखों में से एक को बेकार और उसके एक हाथ को निष्क्रिय कर दिया.
रिपोर्ट में फाउंडेशन के सचिव के हवाले से कहा गया है, रुश्दी अब जीवित मुर्दे से अधिक नहीं. इस बहादुर कार्रवाई का सम्मान करने के लिए, लगभग 1,000 वर्ग मीटर कृषि भूमि उस व्यक्ति या उसके किसी कानूनी प्रतिनिधि को दान में दी जाएगी.
बता दें कि रुश्दी ने पैंगंबर मोहम्मद की निंदा करने के लिए ‘द सैटेनिक वर्सेज’ नामक पुस्तक लिखी थी. इसपर ईरान के इमाम खुमौनी ने करोड़ों का इनाम और मौत का फरमान जारी किया था. इस घोषणा के बाद से भारतीय मूल के लेखक रूश्दी निर्वासित जीवन जीने को मजबूर हैं. हालांकि वर्षों पहले लिखी गई इस पुस्तक के चलते उन्हें आज भी धमकियां मिल रही हैं. इस क्रम में 24 वर्षीय न्यू जर्सी निवासी हादी मातर ने रूश्दी पर चाकू से हलमा कर दिया था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे. कई आॅपरेशनों के बाद पता चला कि वह एक आंख से देख नहीं सकते और उनके एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया है. इसके बाद खुद रूश्दी ने कहा था- अब वह जीवित मुर्दे की तरह होकर रह गए हैं. कोई काम नहीं कर सकते.’’
रूश्दी पर हलमा करने वाला लेबनानी मूल का अमेरिकी नागरिक है. उसने पिछले साल अगस्त में रूश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में चैटाऊका इंस्टीट्यूशन के एक साहित्यिक कार्यक्रम में हमला किया था.
बता दें कि 1988 में रूश्दी की प्रकाशित विवादास्पद किताब के बाद ईरान के पहले सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी द्वारा उनकी हत्या का आदेश दिए जाने से वह छिपते फिर रहे हैं. इसी तरह की एक घटना के बाद भारत में एक पूर्व महिला भाजपा नेता को भूमिगत होना पड़ा है. कई लोगों की हत्या भी हो चुकी है.