रमजान में क्या खाएं कि मोटापे से रहें दूर, जिस्म हो चुस्त-दुरुस्त
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गुलरूख जहीन
रमजान के दिनों में अक्सर तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ जाता है, जिससे रोजेदार न केवल मोटापे का शिकार होने लगते हंै, कई तरह की बीमारियां भी उन्हें घेर लेती हैं. यहां कुछ ऐसे टिप्स और सुझाव दिए जा रहे हैं, जिसकी मदद से रोजे के दौरान रोजेदार चुस्त-दुरूस्त तो रहेंगे ही मोटापे सहित दूसरी बीमारियां भी दूर रहंेगी.एक रिपोर्ट के मुताबिक, रमजान के महीने में खान-पान की गलत आदतों की वजह से कुछ लोगों का वजन बढ़ जाता है.
रमजान में मोटापे से बचने के 4 टिप्स
- -हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अल-निम्र ने सेहरी में अरबी पुलाव (कबासा) खाने के खिलाफ चेतावनी दी है. इससे वजन बढ़ने का खतरा है.
- -पानी की जगह मीठे पेय पदार्थों के सेवन से भी वजन बढ़ता है.
- -रमजान के दौरान एक्सरसाइज स्किप करने से भी वजन बढ़ता है.
- -इफ्तार में ज्यादा चिकन, मिठाई और ज्यादा नमकीन खाने से भी वजन बढ़ता है.
रमजान में क्या खाएं कि शारीरिक ऊर्जा बनी रहे ?
रमजान के महीने में खाने और सोने के तरीके में बदलाव के कारण रोजेदारों की शारीरिक ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है.अरब न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन कोच और पर्सनल ट्रेनर डेनियल वेल्स ने पवित्र महीने रमजान के दौरान शारीरिक ऊर्जा बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स साझा किए हैं.
रमजान में टाइम प्लानिंग
रमजान के दौरान आप जो कुछ भी करते हैं, वह सफलता की कुंजी है. इस पाक महीने में इफ्तार और सहरी के भोजन के साथ उन्हें तैयार करने के समय पर भी विचार करना महत्वपूर्ण है.
सोने और उठने का समय निर्धारित करें, ताकि आप शारीरिक थकान से बचे रहे. आप अपना कीमती समय बर्बाद न करें.कब, कहां और कैसे शारीरिक फिटनेस, पोषण और स्वास्थ्य को बनाए रखना है, यह आपके दिमाग में पहली बात होनी चाहिए.
दैनिक हल्का शारीरिक व्यायाम
रमजान के दौरान आप शारीरिक ऊर्जा के स्तर में गिरावट देख सकते है. आपका शरीर रोजे और खाने-पीने के समय में बदलाव प्रभावित होता है, इसलिए अपने दैनिक आहार में हल्के व्यायाम को शामिल करें. 10 या 15 मिनट तक हल्का टहलना या सांस लेने के कुछ साधारण व्यायाम आपको तरोताजा महसूस करने में मदद करेंगे.
रोजे के समय भूख से ध्यान हटाएं
जब मानव मन एक चीज पर केंद्रित होता है, तो वह बाकी सब चीजों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देता है.अपने दिमाग पर जोर दें और चुनें कि आप किन भावनाओं पर जोर देना चाहते हैं और जिन्हें आप आसानी से नजरअंदाज कर सकते हैं,करने का प्रयास करें.इसलिए जब भूख लगे तो अपनी भूख की लालसा को एक तरफ रख दें और किसी ऐसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें जिसमें आपको मजा आता है. जैसे पढ़ना, सुनना या अन्य मानसिक गतिविधियां.
इफ्तार के वक्त आराम से खाएं
रमजान के दौरान, अपने भोजन के समय के बारे में सावधान रहें. भोजन को अच्छी तरह चबाएं. निगलें नहीं. किसी भी खाद्य पदार्थ को निगलने से पहले कम से कम 30 या 40 सेकंड के लिए चबाना याद रखें.
स्वच्छता के सिद्धांत के अनुसार, जितना अधिक आप अपने भोजन को चबाते हैं. शरीर के लिए पचाने और अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित करना उतना ही आसान होता है. यदि आप खाने की गति धीमी रखते हैं, तो आपका पेट अधिक समय तक भरा हुआ महसूस करेगा.
शांति से करें आराम
हो सके तो आराम करने के लिए कुछ समय निकालें या तरोताजा महसूस करने के लिए कम से कम 30 मिनट की झपकी लें.थोड़ा आराम, मन को शांत करता है. शारीरिक ऊर्जा बढ़ाता है. यह मानव कल्याण और मनोदशा में सुधार के साथ भी जुड़ा हुआ है.
ठंडे पानी से नहाएं
रमजान के दौरान हर रोजेदार अपनी शारीरिक ऊर्जा बढ़ाना चाहता है.कभी-कभी अगर आपको काम के दौरान नींद आती है, तो अपने शरीर को सक्रिय और सतर्क रखने के लिए ठंडे पानी से स्नान करना एक स्वस्थ अभ्यास है.नहाने के बाद शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे व्यक्ति तरोताजा नजर आता है.हालांकि ठंडे पानी से शरीर पहले तो परेशान महसूस करता है, लेकिन वास्तव में तनाव के स्तर को कम करने के बाद व्यक्ति शांत महसूस करने लगता है.
रमजान में प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने को खाएं ये 6 फल
रमजान में दिनभर भूखे रहने और खाने-सोने के समय में बदलाव से रोजेदारों की शारीरिक ऊर्जा घटने लगती है. ऐसे में रमजान के दिनों में शरीर को हमलावर बैक्टीरिया, वायरस और बीमारी से बचाना मुश्किल हो जाता है.
रमजान के दिनों में जब कोई सूक्ष्म जीव आक्रमण करता है, तो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तुरंत सक्रिय हो जाती है. प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी का उत्पादन करके रोगाणु को नष्ट कर देती है.
मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इनमें फलों का एक ऐसा खाद्य समूह है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
यहां रमजान के दिनों में 6 फल खाने की सलाह दी जाती है ताकि आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली रोजे के दिनों में मजबूत बनी रहे.
माल्टा
माल्ट वर्ष के किसी भी मौसम में मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं. किसी भी प्रकार का माल्ट विटामिन सी की दैनिक आवश्यकता का 100 प्रतिशत प्रदान करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है.विटामिन सी उच्च रक्तचाप को रोकता है. रक्त कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है.
पपीता
पपीता एक ऐसा फल है जिसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है.पपीते एक सर्विंग मानव शरीर को विटामिन सी की दैनिक आवश्यकता का दोगुना देते हैं. इसके अलावा यह फल पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है. इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम भी होता है.
कीवी
पपीते की तरह कीवी के भी मानव शरीर के लिए कई फायदे हैं. इसमें फोलेट, पोटेशियम, विटामिन के और विटामिन सी होता है.कीवी मनुष्य की श्वेत रक्त कोशिकाएं रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसके लिए विटामिन सी बहुत उपयोगी है.
कीवी को एक खुश हार्मोन बढ़ाने वाले फल के रूप में भी जाना जाता है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है. आपके मूड को ठीक रखता है.
सेब
सेब मानव शरीर में फाइबर और चीनी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. यह बात सभी जानते हैं, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि इस खास फल में एक ऐसा प्रभाव भी पाया जाता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और सूजन को नियंत्रित करता है.
नाशपाती
रमजान के दिनों में नाशपाती अवश्य खाना चाहिए. यह विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्रोत है. इसे साफ करके छिलका समेत खाना चाहिए. इसमें फाइबर और पोटैशियम के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं.नाशपाती को रस, पानी और अन्य पेय पदार्थों में जोड़ा जा सकता है.
फालसा
इसका सीरप एक लोकप्रिय पेय है. इसका नियमित सेवन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए फायदेमंद है.यह एलर्जी से बचाता है और ठंड लगने की स्थिति में शरीर को स्वस्थ रखता है.
रोजे की हालत में तेज टहलें, रहेंगे चुस्त
हालांकि रोजे की हालत में, खासतौर पर इफ्तार से कुछ देर पहले टहलना दिल को सुकून देने वाला नहीं होता. मगर जानकार कहते हैं कि इस वक्त टहलना सेहत पर काफी सुखद प्रभाव डालता है.
एक पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में इस संबंध में कई उपयोगी बातें बताई गई हैं.डाइट ऑफ टाउन क्लीनिक से जुड़े न्यूट्रिशनिस्ट अबीर अबु राजिली ने रिपोर्ट में बताया है कि फास्टिंग की स्थिति में वॉक करने से कुछ फायदे खत्म हो जाते हैं.
रोजा खोलने से कुछ देर पहले टहलने का पहला फायदा यह है कि इससे शरीर में जमा चर्बी से छुटकारा पाने में मदद मिलती है. यह मांसपेशियों का निर्माण भी करता है. चयापचय क्षमता को बढ़ाता है.
बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली
एक अन्य लाभ यह है कि चलने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. शरीर में विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.यह संक्रमण और वायरस को रोकने में भी मदद करता है. अबीर अबू राजिली के अनुसार, रोजा खोलने से पहले थोड़ा चलने की कोशिश करनी चाहिए.
आलस्य से लड़ने में सहायक
उपवास तोड़ने से पहले टहलने का एक लाभ यह भी है कि यह शरीर में महसूस होने वाली सुस्ती दूर करने में मदद करता है. यह शरीर में ताकत और थकान से लड़ने की ताकत पैदा करता है.
रक्त में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है
विशेषज्ञों का मानना है कि खाली पेट व्यायाम करने से मांसपेशियों को ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद मिलती है. रक्त में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है.चूंकि रोजे के दौरान पेट खाली होता है, इसलिए पैदल चलने से स्वास्थ्य लाभ होता है.