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कश्मीर के एसएसएम कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, नई खोज पर जोर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,श्रीनगर

एसएसएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग,परिहास्पोरा ने अपने परिसर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया. इस दौरान डाॅ सीवी रमन और दूसरे वैज्ञानिकों के योगदान को याद किया गया. सीवी रमन नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे. उन्हें यह सम्मान वर्ष 1930 में ‘रमन प्रभाव’ के लिए दिया गया था.इस वर्ष के विज्ञान दिवस की थीम ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल बीइंग है.

कार्यक्रम में इरफान रेशी, तकनीकी अधिकारी पीएमजीएसवाई कश्मीर, मुख्य अतिथि थे. इस अवसर पर लीगल मेट्रोलॉजी विभाग के गाजी शोएब भी बतौर सम्मानित अतिथि मौजूद थे.

मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, डॉ. सज्जाद हुसैन दीन, प्रिंसिपल एसएसएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया, इस वर्ष के लिए विषय वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान है और छात्रों को सलाह दी कि वे इस अवसर का उपयोग करने के लिए विचार-विमर्श से प्रबुद्ध हों.

कार्यक्रम में कॉलेज के सैकड़ों इंजीनियरिंग छात्रों ने भाग लिया. उनकेे बीच रुचि पैदा करने के लिए पोस्टर प्रतियोगिता और अन्य संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया गया. वक्ताओं को सम्मान प्रमाण पत्र, भागीदारी प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

इस कार्यक्रम में कॉलेज के कुछ प्रमुख पूर्व छात्रों ने भी भाग लिया. इस अवसर पर इरफान रेशी, तकनीकी अधिकारी, ने युवा नवोदित इंजीनियरों को विभिन्न क्षेत्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नवीन परियोजनाओं के लिए आगे आने पर जोर दिया ताकि देश को समग्र रूप से लाभान्वित किया जा सके.

लीगल मेट्रोलॉजी विभाग के गाजी शोहैब, जो कॉलेज के पूर्व छात्र भी हैं, ने लीगल मेट्रोलॉजी के महत्व पर प्रकाश डाला और भारतीय मानक संगठन द्वारा निर्धारित उचित माप सुनिश्चित करने में विभाग की भूमिका के बारे में बताया.कॉलेज की हया काजी ने सभा को अपने संक्षिप्त संबोधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी और अन्य संबंधित क्षेत्रों सहित विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया.

प्रो (डॉ.) एन.ए. कॉलेज के रजिस्ट्रार शाह ने भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के महत्व के बारे में बात की और छात्रों को समाज की भलाई के लिए समग्र योगदान के लिए वैज्ञानिक सोच विकसित करने पर जोर दिया.