लखनऊ और मुंबई में पहली बार औरतों को मस्जिद में तरावीह पढ़ने की अनुमति
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
मुस्लिम कम्यूनिटी में बड़ा बदलाव आ रहा है. इसकी झलक रमजान में भी देखने को मिलेगी. इस रमजान लखनऊ और मुंबई में पहली बार मस्जिदों मंे महिलाओं को तरावीह पढ़ने की इजाजत मिली है.
इसके लिए मुंबई की जामा मस्जिद में खास इंतजाम किया गया है, जबकि लखनऊ के ऐश बाग ईदगाह में एक महिलाओं को ईद की नमाज अदा करने की इजाजत दी गई थी. रमजान शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जबकि तरावीह मस्जिदों में गुरूवार रात से शुरू हो जाएगी.
लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ईदगाह का एक हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है ताकि वे इस साल रमजान में तरावीह की नमाज अदा कर सकें.
2016 में पहली बार ईदगाह ऐश बाग में महिलाओं को ईद की नमाज अदा करने की इजाजत दी गई थी. मौलाना फरंगी महली ने कहा कि महिलाएं अलग गेट से प्रवेश करेंगी. वे बड़ी दारी में नमाज अदा करेंगे. कई महिलाओं का मानना है कि तरावीह की नमाज केवल पुरुषों के लिए है, लेकिन न्यायशास्त्र और फतवे के अनुसार, इस नमाज को पुरुष और महिला दोनों ही अदा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि मस्जिदों के दरवाजे हमेशा महिलाओं के लिए खुले रहे हैं और रहेंगे. मुस्लिम महिलाओं ने इस बात का स्वागत किया है कि महिलाओं को ईदगाह ऐश बाग में तरावीह की नमाज अदा करने की अनुमति है.
एक स्कूल टीचर फातिमा असद ने कहा कि इससे महिलाओं को समानता के साथ इबादत करने का माहौल मिलेगा. ईदगाह की सफाई और पर्दा की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि महिलाएं वहां आराम से नमाज पढ़ सकें. फातिमा असद ने कहा कि कई मुस्लिम देशों में यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है. खुशी है कि अब लखनऊ में महिलाओं को यह अधिकार मिला है.
उधर,मुंबई की जामा मस्जिद में महिलाओं के लिए तरावीह पढ़ने का प्रबंध किया गया है. क्राफॉर्ड मार्किट, भिंडी बाजार में स्थित जामा मस्जिद में कुछ समय पूर्व महिलाओं के लिए एक खास कमरे का इंतजाम किया गया था जहां पर महिलाओं के लिए वजू करने का भी बंदोबस्त किया गया था. जामा मस्जिद मुंबई के चेयरमैन शोएब खतीब का कहना है कि यह पहला अवसर है जब महिलाएं मस्जिद में तरावीह पढ़ सकेंगी. शोएब खतीब ने बताया कि मस्जिद मैनेजमेंट मस्जिद में आने वाले हर नमाजी की सुख सुविधा पर विचार करता रहता है. महिलाओं के लिए इबादत की जगह के प्रबंध की सराहना ने हमें बहुत प्रोत्साहित किया. यही कारण है कि मस्जिद मैनेजमेंट ने ख्वातीन के लिए तरावीह पढ़ने के इंतजाम का ऐलान किया है. माइक, स्पीकर और दूसरे तमाम इंतजाम कर लिए गए हैं. शोएब खतीब कहते हैं कि हमें अंदाजा है कि महिलाएं बड़ी संख्या में मस्जिद पहुंचेंगी. हम उनके स्वागत के लिए तैयार हैं.