Religion

आठ महीने से Bangladesh में फंसे Haryana के 32 Tablighi जमातियों को कहीं जेल न हो जाए !


एसए अलवी।
वैश्विक महामारी  कोरोना (Coronavirus)  के कारण अंतराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। इसके चलते तीन ग्रुप में इस्लाम का प्रचार करने बांग्लादेश गए हरियाणा के मेवात क्षेत्र के 32 लोगों के जेल जाने का खतरा पैदा हो गया है। वे वहां पांच से आठ महीने से फंसे हैं और उनकी वीजा अवधि समाप्त होने के कगार पर है।
 मेवात के तब्लीगी जमात के लोग अगल-अलग महीने में बांग्लादेश गए थे। उसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन का ऐसा सिलसिला चला कि वे वहां से लौट नहीं पाए। बावजूद इसके बांग्लादेश में फंसे मेवात के तब्लीगी निरंतर वतन वापसी के प्रयास में हैं। कोरोना के चलते बांग्लोदश-भारत के बीच सभी तरह के यातायात संपर्क अस्थायी तौर स्थगित हैं। इस बीच उनकी वापसी को लेकर उनके परिजनों ने  कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके लिए जिला प्रशासन से संपर्क साधा गया है। प्रशासन को पत्र लिखा गया है। मुफ्ती जाहिद हुसैन कहते हैं कि वह अलग-अलग माध्यमों से भी तब्लीगियों की वापसी के लिए प्रयासरत हैं। अलग बात है कि अब तक कामयाबी नहीं मिली है।


  बता दें कि 2019 के अंत में तब्लीगी जमात से जुड़े मेवात के पुन्हाना, नूंह व फिरोजपुर झिरका के 32 लोग तीन अलग-अलग जमात यानी ग्रुप में बांग्लादेश गए थे। उनमें नूंह के 17 व फिरोजपुर झिरका-पुन्हाना के 15 जमाती शामिल हैं। एक जमात को बांग्लादेश गए करीब 8 महीने हो गए, जबकि दूसरी को छह एवं तीसरी जमात को साढ़े पांच महीने। सभी जमातियों की वीजा अवधि लगभाग समाप्त हो चुकी है। ऐसे में उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया। वीजा की अवधि नहीं बढ़ने पर जेल जाने की नौबत आ सकती है। ऐसे में मुफ्ती जाहिद हुसैन, नूंह विधायक आफताब अहमद, पुन्हाना विधायक मोहम्मद इलियास, फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान इंजीनियर, पूर्व विधायक जाकिर हुसैन, भाजपा नेता आलम मुंडल आदि ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से मेवात के तब्लीगियों की स्वदेश वापसी की मांग की है। उनकी ओर से कहा गया है कि इस मामले में विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए।
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संपादक

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