मुंबईः हिंदुस्तानी प्रचार सभा के उर्दू सुलेख प्रतियोगिता में लखनऊ के मुहम्मद जुबैर अव्वल
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई
मुंबई की हिंदुस्तानी प्रचार सभा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय उर्दू सुलेख प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड, लखनऊ के छात्र मुहम्मद जुबैर ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7500 रुपये का प्रथम पुरस्कार जीता.द्वितीय पुरस्कार 5000 रुपये का पुरस्कार दिल्ली के विवेकानंद कॉलेज की छात्रा आफरीन ने मिला. गर्ल्स डिग्री कॉलेज प्रयागराज की छात्रा हनीफा अंजुम अंसारी तीसरे स्थान पर रहीं.
प्रतियोगिता आॅनलाइन आयोजित की गई. इसके लिए दो आयतें निर्धारित की गई थीं. प्रतियोगिता में निर्णायक के की भूमिका महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी के सुलेखक असलम करतापुरी ने निभाया.
हिंदुस्तानी प्रचार सभा ने भारत के बीए और एमए (वर्तमान वर्ष) के छात्रों के लिए ऑनलाइन उर्दू सुलेख प्रतियोगिता आयोजन की थी. प्रथम पुरस्कार 7500 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 5000 रुपये, तृतीय पुरस्कार 3000 रुपये दिए गए. प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की गई. इसतमंें भारत भर के विभिन्न स्थानों जैसे औरंगाबाद, सांगली, मुंबई, दिल्ली, प्रयागराज, कलकत्ता आदि से बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया. प्रतियोगिता के अंतिम चरण में पूरे भारत से 15 सर्वश्रेष्ठ छात्र चुने गए थे.
हिंदुस्तानी प्रचार सभा के निदेशक संजीव निगम ने कला के अद्भुत कार्यों को साकार करने के लिए छात्रों को बधाई दी और कहा, हमारा उद्देश्य युवाओं को एक मंच प्रदान करना है. उन्होंने कहा, आज की प्रतियोगिता के बाद, मुझे यकीन है कि भारत का भविष्य उर्दू सुलेख उज्ज्वल है.
राकेश कुमार त्रिपाठी (परियोजना समन्वयक), अहरार अहमद (उप संपादक भारतीय भाषा त्रैमासिक उर्दू पत्रिका), नहिदा खान (भारतीय भाषा, त्रैमासिक उर्दू पत्रिका की रचनाकार), शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने इस उपलब्धि के लिए बधाई दी.
बता दें कि हिंदुस्तानी प्रचार सभा 1942 में स्थापित एक भाषाई एवं साहित्यिक संगठन है. इसका मुख्य उद्देश्य है भारतीय भाषा सरल उर्दू-हिंदी का विकास और प्रचार करना. इस संस्था के संरक्षकों में गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. जाकिर हुसैन, काका साहिब कलिकर, बाला साहिब खेर, नारायण अग्रवाल आदि प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक नेता शामिल हैं. इसके अलावा प्रमुख समाजसेवी दादाभाई नोरोजी के बड़े बेटे अर्दीशर की दो बेटियां, परिन बेन कैप्टन और गोशी बेन कैप्टन ने व्यावहारिक रूप से इस संस्था के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.
हिंदुस्तानी प्रचार सभा, प्रबंध समिति के अलावा यह फ्रांसिस मैथ्यूज, सतीश शाह, फिरोज पेच और अरविंद दिग्वेकर से मिलकर बने न्यासी बोर्ड द्वारा सक्रिय रूप से प्रबंधित की जाती है.