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दुनिया को अलविदा कह गए पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी,88 साल की उम्र में निधन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जामनगर (गुजरात)

कई फिल्मों में किस्मत आजमा चुके पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम अजीज दुर्रानी का रविवार सुबह जामनगर में निधन हो गया. वह 88 साल के थे. कुछ समय से बीमार चल रहे थे दुर्रानी के निधन की सूचना पूर्व क्रिकेटर रविशास्त्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री ने एक ट्वीट में अपना दुख व्यक्त करे हुए लिखा, भारत के सबसे रंगीन क्रिकेटरों में से एक – सलीम दुरानी नहीं रहे. रेस्ट इन पीस. ओम शांति.

बता दें कि 1960-1973 के युग में दुरानी ने गेंद से अपनी दमदार बाॅलींग की क्षमता से उपस्थिति दर्ज कराई थी. वह एक हरफनमौला खिलाड़ी थे और उनमें बल्ले या गेंद से खेल को खत्म करने की अनोखी क्षमता थी. वह 1961-62 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की सफल जीत का हिस्सा थे. दुरानी ने इंग्लिश टीम के खिलाफ आठ विकेट चटकाकर प्रभावशाली प्रदर्शन किया.

अपने शानदार करियर में, दुरानी ने क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स जैसे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक के विकेट भी लिए.अपनी धीमी बाएं हाथ की रूढ़िवादी गेंदबाजी शैली के साथ दुर्रानी निश्चित रूप से जानते थे कि खेल में तीव्रता कैसे बढ़ाई जाए और साथ ही प्रशंसकों के लिए मनोरंजन को कैसे जोड़ा जाए.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने टीम इंडिया के लिए 29 टेस्ट मैच खेले और 25.04 की औसत से 1,202 रन बनाए. उन्होंने अपने करियर में एक शतक और सात अर्धशतक भी लगाए थे.गेंद के साथ, दुरानी ने 75 विकेट लिए और एक पारी में 6-73 उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ा रहा. एक बार, जब उन्हें एक टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया, तो प्रशंसकों ने नो दुर्रानी, ​​नो टेस्ट जैसे नारे लगाए.

10 साल से ज्यादा लंबे करियर में दुर्रानी ने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान बल्कि बड़े पर्दे पर भी खूबसूरत पल दिए.उन्होंने बॉलीवुड उद्योग में अपनी शुरुआत एक मासूम से की, जो 1969 में रिलीज हुई थी. उन्हें 1973 में चरित्र फिल्म में परवीन बाबी के साथ बड़े पर्दे पर भी देखा गया था.

वह अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले पहले क्रिकेटर थे. उन्हें 2011 में बीसीसीआई द्वारा सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.

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क्रिकेट करियर

सलीम दुर्रानी 1961.62 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की श्रृंखला जीत के नायक थे. उन्होंने कोलकाता और चेन्नई में क्रमशः 8 और 10 विकेट लिए.एक दशक बादए उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्ट इंडीज पर भारत की जीत में क्ले लॉयड और गैरी सोबर्स के विकेट लेकर भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली जीत दिलाई.

अपनी 50 टेस्ट पारियों मेंए उन्होंने 1962 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ केवल एक शतकए 104 रन बनाए. उन्होंने गुजरातए राजस्थान और सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 14 शतक बनाए जिसमें उन्होंने 33-37 की औसत से 8545 रन बनाए.