अमेरिका में कैसे मनाया जाता है रमजान
गुलरूख जमीन
जैसा कि इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि अमेरिकी परिवारों के सदस्य इफ्तार के लिए घर पर इकट्ठा होते हैं. इसके अलावा, वे मस्जिदों और रेस्तरां में इफ्तार का आनंद लेते हैं.
चूंकि अमेरिकी मुसलमानों के पूर्वज दुनिया के अलग-अलग कोनों से ताल्लुक रखते थे, इसलिए अमेरिका में रमजान की परंपराएं भी विविध हैं. अप्रवासी अक्सर अमेरिका में अपने पहले रमजान को उस समय के रूप में याद करते हैं ,जब उन्होंने नए रीति-रिवाजों को सीखा.
शिकागो में जन्मे रिजवान जाका वाशिंगटन क्षेत्र में ऑल डेल्स एरिया मुस्लिम सोसाइटी के सदस्य हैं. वह बताते हैं कि उनके कई साथी या तो स्वयं अप्रवासी हैं या उनकी तरह उनकी एक अंतरराष्ट्रीय विरासत है. जाका बुजुर्ग भारत, पाकिस्तान और मैक्सिको से हैं. इसलिए उनका समाज वैकल्पिक रूप से इफ्तार में दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका, अमेरिका और अन्य क्षेत्रों से भोजन परोसता है.
दुनिया भर के मुसलमानों की तरह 22 मार्च को जाका रोजा, इबादत, पवित्र कुरान की तिलावत, दान देना, अच्छे कर्म करना और एक साथ उपवास तोड़ने का महीना शुरू करने जा रहा है. जैका का कहना है कि अमेरिका में रमजान का महीना भाईचारे और समाज में आध्यात्मिक विकास का भी समय होता है.
समीरा जावेद 29 साल की उम्र में पाकिस्तान से अमेरिका आ गईं. उन्हें अमेरिका में अपना पहला रमजान आज भी याद है. वह कहती हैं, “जिस तरह से हम पाकिस्तान में रमजान के उपवासों का पालन करते थे, उससे बहुत अलग था.” वह कहती हैं, जहां उनके परिवार ने घर पर रमजान के अधिकांश उपवास किए. जबकि सिनसिनाटी, ओहियो के ग्रेटर इस्लामिक सेंटर में, रमजान गतिविधियों का केंद्र मस्जिद है और वह इसकी आदी हो गई है. “यह एक अमेरिकी व्यक्तित्व है.” वह कहती हैं.
समीरा जावेद ने अमेरिका में एक दिक्कत का जिक्र किया .वह कठिनाई है अधिकतम सूर्य के प्रकाश के लिए समय में परिवर्तन. क्योंकि अमेरिकी हर बसंत में घड़ी को एक घंटा आगे कर देते हैं ताकि बाद में शाम को अंधेरा फैल जाए. “रमजान के उपवास आठ घंटे से लेकर 18 घंटे तक के हो सकते हैं.” वह कहती हैं. लेकिन यह साल पर निर्भर करता है .अमेरिका में समीरा जावेद के पहले कुछ रमजान सर्दियों में आते थे जब सूरज लगभग 5:00 बजे अस्त हो जाता था. इसके विपरीत गर्मियों में समय बदलने के कारण व्रत तोड़ने का समय रात 99 बजे तक हो जाता है, जिससे व्रत करना और भी मुश्किल हो जाता है.
कई अमेरिकी मस्जिदों में इफ्तार भोजन की मेजबानी की जाती है जिसमें विभिन्न प्रकार के अंतरराष्ट्रीय खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं. लेकिन उन सभी में निश्चित रूप से खजूर शामिल हैं.
इमाम रशीद बताते हैं कि रमजान के महीने में रोज शाम को स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा होते. उनके घर के लोग “एक साथ प्रार्थना करते थे. एक साथ व्रत तोड़ते. लोगों के साथ घुलमिल जाते और इस पवित्र महीने की हर रात नए दोस्त बनाते थे.” प्रतियोगिताओं का आयोजन करते थे जिसमें पुरुष और महिला दोनों भाग लेते थे. वे कहते हैं, ”यह मेरे लिए बिल्कुल नया था.” भारत में केवल पुरुष ही मस्जिदों में जाते हैं और मस्जिदों को केवल ”प्रार्थना के स्थान” माना जाता है.
अमेरिका में मस्जिदें अक्सर सामाजिक, धार्मिक और यहां तक कि खेल गतिविधियों के केंद्र होती हैं.
इमाम रशीद अब अपनी मस्जिद में इंटरफेथ इफ्तार का आयोजन करते हैं, जिसमें स्थानीय चर्चों और आराधनालय के लोग शामिल होते हैं- “मेरे लिए, ये इफ्तार समारोह रमजान का मुख्य आकर्षण हैं, क्योंकि वे विभिन्न समुदायों के बीच मजबूत दोस्ती बनाते हैं.”
तारिक रशीद किशोरावस्था में भारत से अमेरिका आया. जिस तरह से अमेरिकी पूरे परिवार के लिए रमज़ान की गतिविधियों का आयोजन करते हैं, वे उसे पसंद करते हैं. आज वह ऑरलैंडो, फ्लोरिडा में इस्लामिक सेंटर ऑफ ऑरलैंडो मस्जिद के इमाम हैं. वह अमेरिका में अपने पहले रमजान को “बहुत खास” रमजान के रूप में याद करते हैं.
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