NCERT : 12 वीं के पुस्तक से मुग़लों के चैप्टर हटाने की खबर से खलबली
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
ताजमहल हो या लाल किला अथवा जामा मस्जिद, भारत के पर्यटन विभागों की कमाई में बड़ा हिस्सा मुग़लों के प्राचीन धरों से होने वाली आमदनी का है. इसके बावजूद ‘गुलामी की निशानी मिटाने’ के नाम पर न केवल मुग़लों के धरोहरों को धार्मिक विवादों से जोड़ा जा रहा है, उनके यादगार स्थलों के नाम बदले जा रहे हैं. किताबों से मुगलों का इतिहास मिटाया जा रहा है. इस क्रम में एनसीईआरटी ने कक्षा 11 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री से सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, द इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन और कंफर्टेशन ऑफ कल्चर्स जैसे चैप्टर हटा दिए गए हैं.
इस तरह की बातें मंगलवार को सोशल मीडिया पर दिनभर ट्रेंड करती रहीं. इस बारे में लोग लगातार सरकारांे की खिंचाई कर रहे हैं. विभिन्न मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सीबीएसई और यूपी बोर्डों में पढ़ने वाले कक्षा 12 के छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम से मुगल साम्राज्य पर आधारित अध्यायों को हटा दिया गया है.
स्कूली शिक्षा पर केंद्र और राज्य के लिए देश की शीर्ष सलाहकार संस्था, एनसीईआरटी ने कथित तौर पर इतिहास के पाठ्यक्रम को संशोधित किया है और कक्षा 12 के लिए सीबीएसई की मध्यकालीन इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से किंग्स एंड क्रॉनिकल्स और द मुगल कोर्ट्स शीर्षक वाले अध्यायों को हटा दिया है.
NCERT, India’s premier govt body that sets syllabus for schools, has removed chapters on #MughalHistory from class 12th syllabus. This is shocking as #MughalEmpire during medieval period is said to be the brightest part of the nation’s history. pic.twitter.com/byjpHfcfo4
— India Muslim History (@syedurahman) April 3, 2023
एनसीईआरटी की संशोधित कक्षा 12 की इतिहास की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों द्वारा अपनाया जाएगा जिसमें मुगल दरबारों के अध्याय हटा दिए गए हैं.एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने इन दावों का दृढ़ता से खंडन किया कि मुगलों पर अध्याय हटा दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि यह एक झूठ है. मुगलों को नहीं छोड़ा गया है. पिछले साल एक युक्तिकरण प्रक्रिया थी, क्योंकि कोविड के कारण, हर जगह छात्रों पर दबाव था.विशेषज्ञ समितियों ने कक्षा 6-12 से किताबों की जांच की. उन्होंने सिफारिश की कि यदि यह अध्याय हटा दिया जाता है, तो इससे बच्चों के ज्ञान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और एक अनावश्यक बोझ हट जाएगा. इसपर बहस अनावश्यक है. जो नहीं जानते, वे पाठ्यपुस्तकों की जांच कर सकते है.
उन्हांेने कहा कि हम एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 के अनुसार काम कर रहे हैं. यह एक संक्रमण चरण है. एनईपी 2020 सामग्री भार को कम करने की बात करता है. हम इसे लागू कर रहे हैं. स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा) का गठन किया जा रहा है. एनईपी के अनुसार 2024 में पाठ्यपुस्तकें छप जाएंगी. हमने अभी कुछ भी नहीं छोड़ा है.
वर्तमान में चर्चा के तहत अध्यायों में, छात्रों को अकबरनामा (अकबर के शासनकाल का आधिकारिक इतिहास) और बादशाह नामा (मुगल सम्राट शाहजहां का इतिहास), पांडुलिपियों, राजधानियों और अदालतों की रचना, मुगल के बारे में पढ़ाया गया है.
उधर, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, हम अपने छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल करके पढ़ाते ह.संशोधित संस्करण में जो कुछ भी है, उसका पालन किया जाएगा.अतिरिक्त मुख्य सचिव (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा) दीपक कुमार ने पहले कहा था, हम एनसीईआरटी की किताबों का पालन करते हैं और जो कुछ भी संशोधित संस्करण में उपलब्ध है. हम 2023-24 सत्र से राज्य के स्कूलों में इसका पालन करेंगे.
इसी तरह, सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, संस्कृतियों का टकराव और औद्योगिक क्रांति जैसे अध्यायों को कथित तौर पर कक्षा 11 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री से हटा दिया गया है.
इस बीच, एनसीईआरटी ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की किताबों को भी संशोधित किया है, जिसमें लोकप्रिय आंदोलनों का उदय जैसे अध्याय निकाले गए हैं, जो भारत में समाजवादी और कम्युनिस्ट पार्टियों के उत्थान के बारे में है और एक दलीय प्रभुत्व का युग, जो नियम के बारे में बात करता है.
NCERT removes chapters on Mughals from their textbooks, watch to know more#ITVideo | @poojashali #NCERT pic.twitter.com/5TiIwsR6MG
— IndiaToday (@IndiaToday) April 3, 2023
एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इस साल (2023-24) संशोधित पाठ्यक्रम लागू करेंगे. परिवर्तनों के बारे में बोलते हुए, महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रिंसिपल अल्पोना डे ने पहले कहा, “एनसीईआरटी की पुस्तकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 के प्रावधानों के अनुसार अपडेट किया जा रहा है. अप्रासंगिक हो चुके विषयों को हटाकर नई सामग्री जोड़ी जा रही है. पाठ्यक्रम में समय-समय पर बदलाव किए गए जो अच्छी बात है.”
पाठ्यक्रम में ऐसे कई बदलावों की घोषणा 2022 में की गई थी जब सीबीएसई अप्रैल में छात्रों के लिए अपने पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बना रहा था.
एक नोट में, एनसीईआरटी ने परिवर्तनों को सूचीबद्ध किया और कहा, पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को विभिन्न कारणों से युक्तिसंगत बनाया गया है, जिसमें एक ही कक्षा में अन्य विषय क्षेत्रों में समान सामग्री के साथ ओवरलैपिंग, निम्न या उच्च कक्षाओं में समान सामग्री शामिल है.
(एजेंसियों से इनपुट्स के साथ)