15 दिनों में जेल से निकला कर… यूपी पुलिस की जान से मारने की धमकी का अतीक, अशरफ के वकील ने किया खुलासा
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में एक और खुलासा हुआ है. उनके वकील विजय मिश्रा के अनुसार, जब अशरफ को एक पुलिस अधिकारी बरेली से प्रयागराज ले जा रहा था, जिसका नाम उजागर नहीं किया गया है, उसने अशरफ को जान से मारने की धमकी दी थी.
एक रिपोर्ट के अनुसार, अशरफ को बताया गया कि उसे एक पखवाड़े में मार दिया जाएगा. हालांकि मिश्रा ने सोमवार को चैंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि अशरफ ने उन्हें उस पुलिस अधिकारी का नाम नहीं बताया था. जान से मारने की धमकी के जवाब में अशरफ ने कहा था कि अगर उनकी हत्या हुई तो एक सीलबंद लिफाफा मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा.
मिश्रा ने कहा कि अधिकारी ने अशरफ से कहा था, इस बार बच्चे हो लेकिन 15 दिनों में जेल से निकले के काम तम्मन कर देंग.
कथित तौर पर, अहमद ने बार-बार आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे मारने के लिए मुठभेड़ करने की योजना बना रही थी. उन्होंने दावा किया कि मीडिया की मौजूदगी ही उन्हें सुरक्षित रखने वाली एकमात्र चीज थी. हालांकि, विडंबना यह है कि वह प्रेस से बात कर रहे थे जब पत्रकारों के वेश में उनके हत्यारों ने गोलियां चला दीं.
इस घटना ने हाईप्रोफाइल कैदियों की सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था की खामियों पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार को अहमद की रक्षा करने और इस तरह के निर्लज्ज हमले को रोकने में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
अतीक अहमद गैंगस्टर से राजनेता बने थे, जिनकी आपराधिक गतिविधियों का लंबा इतिहास रहा है. उन्होंने 100 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना किया और 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या में मुख्य आरोपी थे. उन्हें हाल ही में वकील उमेश पाल की हत्या के आरोपी के रूप में नामित किया गया, जो राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे.
एक व्यापारी के अपहरण में कथित संलिप्तता के कारण 2019 में अहमद को हाल ही में गुजरात की एक जेल में स्थानांतरित किया गया था और वह जेल से बाहर आते-जाते थे. प्रयागराज में उनकी लगातार अदालती सुनवाई और उनके मामले को लेकर मीडिया का ध्यान उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर रहा था.