हज 2023: कुल खर्च और रियाल को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से यात्रा पर जाने वालों में अनिश्चितता
अबू शाहमा अंसारी, बारा बांकी
उत्तर प्रदेश सरकार अब तक स्पष्ट नहीं कर पाई है कि हज पर जाने वालों को कितने रूपये खर्च करने होंगे. इसके अलावा अभी तक रियाल का समला भी हज पर जाने वालांे के लिए सिरदर्द बना हुआ है.इस बार भी बिना पर्ची के ही बारा बंकी जिले के सभी फार्म भरने वालों का हज के लिए चयन किया गया है.जले से हज करने के इच्छुक 299 लोगों ने पर्चा भरा था, जिसमें 158 पुरुष, 141 महिलाएं हैं. 11 बिना महरम की महिलाएं हज पर जाएंगी.
बताया गया कि आवदेन करने वालों में जैदपुर से करीब 20, सआदतगंज से 10, रामपुर से 10, शहाबपुर से 2, मसुली से 5, सैयद निपुर से 2 और शहर बारा बांकी से 22 लोगों के अलावा जिले के विभिन्न कस्बों और गांवों के लोग शामिल हैं.
गौरतलब है कि जिले में खादिम अल-हज्जा नामक एक समिति है जो जिले के तीर्थयात्रियों को समान सहयोग प्रदान करने में शामिल है.इसके अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता अल्हाज सेठ इरफान अंसारी हैं, जबकि सचिव जावेद और अन्य अधिकारियों को मार्गदर्शन मंडल में रखा गया है.
इस संबंध में समिति के अध्यक्ष इरफान अंसारी ने बताया कि वर्तमान सरकार हर साल तीर्थयात्रियों को कोई न कोई नई सौगात देती है, ताकि हज पर जाने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो. अलग बात है कि इस बार हज पर जाने वाले अधिक परेशान दिख रहे हैं. बताया गया कि सरकार द्वारा दिया गया कोटा भी पूरा नहीं हो पा रहा है. पहले कोटे से कई गुना अधिक लोगों के फॉर्म भरे जाते थे और लोग हज पर जाने के लिए कई साल तक इंतजार करते थे. इस बार लोग हज पर जाने के लिए बहुत उत्सुक जरूर हैं, लेकिन दिक्कतें बहुत बढ़ गई हैं. महंगाई भी इतनी है कि हर कोई हज पर खर्च होने वाली रकम झेल नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितना पैसा इकट्ठा करना है.पहली किस्त 81800 रुपये और दूसरी किस्त 170000 रुपये जमा कराने को कहा गया है.उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार रियाल के एक बड़े मुद्दे पर भी फंस गई है, जो हज यात्रा पर जाने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.