Politics

Chhattisgarh: पंद्रह संसदीय सचिव नियुक्त, कांग्रेस ने मुसलमानों को दिखया ठेंगा

स्टॉफ रिपोर्टर।


पाकिस्तान के हिंदुओं जितनी जनसंख्या वाले छत्तीसगढ़ के मुसलमानों की सियासत में कोई एहमियत नहीं। यहां तक कि इस प्रदेश में पाकिस्तान के हिंदुओं के बराबर उन्हें सियासत व सरकार में आगे लाने का कोई प्रयास भी नहीं किया जाता। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में शामिल पंद्रह संसदीय सचिवों में एक भी मुसलमान का न होना, पुरानी अवधारना और मजबूत करता है।  भारतीय जनता पार्टी कोे छोड़ दें। कांग्रेस जैसी तथाकथित सेक्यूलर पार्टियों की नीतियाँ भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में मुसलमानों को आगे लाने वाली नहीं है। पड़ोसी पाकिस्तान में जनसंख्या कम होने के कारण हिंदुओं के चुनाव जीतने की संभावना न के बराबर होती है, इसलिए उन्हें सीनेटर बनाकर सरकार और सियासत में हिस्सेदारी दी जाती है। छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। कांग्रेस चाहती तो रायपुर के युवा नेता और वहां के नगर निगम चेयरमैन एजाज दोहबर सरीखे किसी मुस्लिम नेता को पंद्रह संसदीय सचिवों की सूचि में स्थान देकर उन्हें आगे बढ़ने का  मौका दे सकती थी, पर ऐसा नहीं किया।


  अभी बघेल मंत्रिमंडल में मोहम्मद अकबर इकलौते मुसलमान सदस्य हैं। उन्होंने कवर्धा सीट से सर्वाधिक मतों से चुनाव जीता था। बावजूद इसके उन्हें विभाग बेहद कमजोर दिए गए हैं। यही नहीं नवनियुक्त पंद्रह में से दो संसदीय सचिव उनके साथ लगाया गया है, जिससे उनका ‘डिमोशन’ माना जा रहा है। द्वारिकाधीश यादव, विनोद चंद्रकार, चंद्रमोहन, शकुंतला साहू, विकास उपाध्याय, अंबिका सिंह देव, चिंतामणि महराज, यूडी मिंज, पारसनाथ राजवाड़े, इंद्रशाह मंडावी, कुंवर सिंह निषाद, गुरू दयाल सिंह, रशिम आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी और रेखाचंद जैन ने संसदीय सचिव के पद की शपथ ली। कांग्रेस के कई विधायक पिछले डेढ़ वर्षों से खुद को बघेल सरकार में   ‘एडजस्ट’ करने को लेकर दबाव बनाए हुए थे। मध्यप्रदेश और राजस्थान में उठा-पटक के बाद कहीं ऐसी कहानी छत्तीसगढ़ में न दोहराई जाए, इस खतरे को टालने की गर्ज से कांग्रेस हाई कमान की पहल पर पंद्रह विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। छत्तीसगढ़ में मुसलमानों की जनसंख्या पाकिस्तान के हिंदुओं के बराबर दो प्रतिशत है। कांग्रेेस चाहती तो कम से कम एक मुस्लिम लीडर संसदीय सचिव के तौर पर समायोजित कर सकती थी। ऐसा न कर उसने पुरानी परंपरा को बरकरार रखा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मुसलमान कांग्रेस को क्यों वोट दें ?

तस्वीरेंः सोशल मीडिया से

नोटः वेबसाइट आपकी आवाज है। विकसित व विस्तार देने तथा आवाज की बुलंदी के लिए आर्थिक सहयोग दें। इससे संबंधित विवरण उपर में ‘मेन्यू’ के ’डोनेशन’ बटन पर क्लिक करते ही दिखने लगेगा।
संपादक