गोवा शंघाई सहयोग संगठन: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ता सामान्य होने के आसार नहीं
मुस्लिम नाउ स्पेशल
गोवा में आयोजित दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन की बैठक मंे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टू की मौजूदगी को लेकर जो लोग दो पड़ोसी मुल्कों के बीच रिश्ते सुधर की उम्मीद ढूंढ रहे थे, उन्हें मायूसी हुई है. फिल्हाल दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के मूड से लगता है कि अभी इसका समय नहीं आया है. चूंकि जल्द ही भारत और पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं, इसलिए भी दोनों पड़ोसियों के रिश्ते के बीच बर्फ बिघलती नजर नहीं आ रही है.
भारत और पाकिस्तान की अधिकांश आम जनता का दोनों के बीच भले ही दोस्ताना विचार हो, वे एक दूसरे के करीब आना चाहते हैं, पर जहां वोट की सियासत का मामला हो तो यह असंभव सा हो जाता है. एक दूसरे को धमकाने से ही तो वोट मिलते हैं.
कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक कहते हैं कि जो लोग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर कब्जा करने की बात करते हैं, उन्हें शायाद इल्म नहीं कि पीओके में चीन की मौजूदगी हमारी ऐसी हरकत पर कितनी भारी पड़ सकती है. इसलिए बेहर है कि कश्मीर में इतना विकास कर दिया जाए कि पीओके वाले भी हमारे साइड के कश्मीर के साथ आने को तैयार हो जाएं, जो मुमकिन होता नहीं दिखता.
चंूकि गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन में कश्मीर का मुद्दा छाया रहा और दोनों विदेश मंत्रियों के बयान इतने तल्ख रहे कि निकट भविष्य में रिश्ता हमवार होता नहीं दिख रहा है. चर्चा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ भारत आने वाले हैं, ऐसे माहौल में उनका यहां आना भी खास मायने नहीं रखने वाला.
गोवा के शंघाई सहयोग संगठन के मौके पर पाकिस्तान और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे की आलोचना की.भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को आतंकवादी उद्योग के प्रवक्ता, प्रवर्तक और न्यायोचित के रूप में वर्णित किया है.
एक टीवी चैनल के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर ने गोवा में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद बोलते हुए कहा कि आतंकवाद के शिकार लोगों को आतंकवाद के बारे में बात करने की जरूरत है. अपराधियों के साथ मत बैठो. उन्होंने कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संगठन के एक सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में आए हैं, जो हमें लगता है कि बहुपक्षीय कूटनीति के एक हिस्से से ज्यादा कुछ नहीं है.
ध्यान रहे कि पाकिस्तानी और भारतीय विदेश मंत्री औपचारिक रूप से शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में नहीं मिले. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में तेजी से मिट रही है.एस जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय प्रशासित कश्मीर में पुंछ के पास आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान पांच भारतीय सैनिक मारे गए.
एससीओ की बैठक में जयशंकर ने आतंकवाद से लड़ने के संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति आंखें मूंद लेना शंघाई सहयोग संगठन के लिए बुरा होगा.हमें किसी व्यक्ति या राज्य को गैर-राज्य अभिनेताओं के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा से कराची पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर संवाददाता सम्मेलन में अपने भारतीय समकक्ष के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा हर मुसलमान को आतंकवादी दिखाने की कोशिश कर रही है. भारत की आलोचना के पीछे उनकी अपनी असुरक्षा की भावना है. हमने भारत की धरती पर पाकिस्तान का केस लड़ा. अगर भारत कश्मीर पर अपना एकतरफा फैसला वापस नहीं लेता है तो कोई बात नहीं होगी.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कोई बदलाव नहीं आया है. 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर के संबंध में भारत द्वारा लिए गए एकतरफा फैसले ने द्विपक्षीय संबंधों के सिद्धांतों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है.
उन्होंने कहा कि भारत के इस कदम से दोनों देशों के रिश्तों पर काफी असर पड़ा है. इस एक कदम से उन्होंने अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है.उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का हमेशा से रुख रहा है कि हम भारत के साथ संबंध सामान्य करना चाहते हैं. कश्मीर के प्रति भारत का रवैया अहंकार पर आधारित है. उन्होंने इस संबंध में द्विपक्षीय संबंधों और अंतरराष्ट्रीय हितों की उपेक्षा की है.
बिलावल भुट्टो ने कहा कि हम आतंकवाद से इसलिए नहीं लड़ना चाहते क्योंकि यह भारत या किसी अन्य देश की मांग है. हम इससे लड़ना चाहते हैं क्योंकि हम इससे सीधे प्रभावित होते हैं. बयानबाजी आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में मदद नहीं करेगी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बैठक में आए सभी विदेश मंत्रियों से अलग से मिलने का अवसर मिला.मुझे कोई दिक्कत नहीं है. अगर उन्हें कोई परेशानी है तो उनसे पूछें. जिस तरह से वे मिले, हम सिंध और मुल्तान में भी मिलते रहे. वह सभी से इसी तरह मिले.
गौरतलब हो कि गुरुवार को जो वीडियो सामने आया, उसमें देखा जा सकता है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों हाथ जोड़कर पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को शिष्टाचार बताते हैं और बिलावल भी उन्हें उसी तरह जवाब देकर तस्वीर खिंचवाते हैं.बिलावल भुट्टो जराद्री ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के संबंध में एस जयशंकर ने जिम्मेदारियां बखूबी निभाई. उन्होंने मुझे कहीं भी यह महसूस नहीं होने दिया कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों की प्रकृति का इस आयोजन पर कोई प्रभाव है.कूटनीतिक संबंधों के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे राजनयिक संबंधों में कोई बदलाव नहीं आया है.
बिलावल भुट्टो ने आगे कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के तौर पर मैंने देश की आंतरिक राजनीति को अपनी सीमाओं के भीतर रखने की कोशिश की है.
पाकिस्तान पीओके से अवैध कब्जा कब खाली करता है, केवल यह चर्चा का मुद्दाः जयशंकर
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए केवल एक ही मुद्दा है- वह यह है कि पाकिस्तान कब अपने कब्जे वाले कश्मीर पर से अपना अवैध कब्जा खाली करता है. यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा- भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 की बैठकें आयोजित की जा रही हैं. उनका (पाकिस्तान) जी-20 और श्रीनगर के साथ कोई लेना-देना नहीं है. कश्मीर पर चर्चा करने के लिए केवल एक ही मुद्दा है कि पाकिस्तान कब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अपना अवैध कब्जा खाली करता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक साथ बैठना चाहिए, जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष (विदेश मंत्री) बिलावल भुट्टो जरदारी पर हमला करते हुए कहा, आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद के अपराधियों के साथ आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए एक साथ नहीं बैठते हैं. आतंकवाद के शिकार लोग अपना बचाव करते हैं. आतंकवाद पर जवाबी कार्रवाई करते हैं. वह इसका आह्वान करते हैं. वास्तव में यही हो रहा है. यहां आकर इन पाखंडी शब्दों का प्रचार करना जैसे कि हम एक ही नाव पर हैं. वह आतंकवाद की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
#WATCH | On Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari's "Let's not get caught up in weaponising terrorism for diplomatic point scoring," statement, EAM Dr S Jaishankar says, "…We are not scoring diplomatic points. We are politically and diplomatically exposing Pakistan… pic.twitter.com/q87BZlTIvC
— ANI (@ANI) May 5, 2023
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर, उन्होंने कहा, तथाकथित कॉरिडोर, एससीओ की बैठक में एक बार नहीं, दो बार बहुत स्पष्ट किया गया कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है लेकिन कनेक्टिविटी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकती है. यह लंबे समय से चली आ रही स्थिति है. इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए. मैं विश्वास दिलाता हूं कि जो लोग कमरे में थे, उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं था.