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मुस्लिम दोस्तों के सपने, हिंदू भाइयों ने किए पूरे, 25 बेटियों की हुई सामूहिक शादी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

देश में हिंदू-मुसलमान का जहर बोने वाले चाहे जितना दम लगा लें, आपसी रिश्ते नहीं बिगड़ने वाले. देश में ऐसी अनेक मिसालें रोजाना देखने को मिलती हैं. इसी क्रम में दो समुदाय के बीच भाईचारगी बढ़ाने वाली एक ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश से सामने आई है.

तीन मुस्लिम युवकों ने मिलकर मध्य प्रदेश के सोहागपुर मनियाखेड़ी रोड पर सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें हरदह व आसपास के जिलों के 25 जोड़े शादी के बंधन में बंधे.इस दौरान तीनों मुस्लिम युवकों ने बताया कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी करने का विचार उनके मन में काफी दिनों से था. ईद के बाद उन्होंने इस काम को अंजाम दिया.

हिंदू किसानों ने इस कार्यक्रम के लिए अपनी जमीन दे दी. कार्यक्रम के लिए किसानों ने अपने खेत में मूंगफली नहीं बोई. उन्होंने कहा कि आर्थिक नुकसान से ज्यादा जरूरी अच्छा काम है. इससे मान को शांति मिलती है.सामूहिक विवाह में प्रति युगल पर 1 से 1.5 लाख रुपये खर्च किए गए. तीनों दोस्तों ने मिलकर प्रति जोड़े पर 60 हजार रुपए और कुल 16 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए.

बता दें कि इन तीन मुस्लिम युवकों में से दो सगे भाई हैं. तीनों ने मिलकर सोहागपुर मनियाखेड़ी रोड पर यह कार्यक्रम आयोजित किया. उन्हांेने बताया कि पैसे इकट्ठा करने के बाद, उन्हांेने अपनी तरफ से और पैसे लगाए. बेटियों को चांदी के आभूषण, फ्रिज, वाशिंग मशीन, बिस्तर, ड्रेसिंग टेबल, गैस चूल्हा, कूलर, सोफा सेट, बर्तन, टीवी, दूल्हा-दुल्हन के कपड़े आदि भेंट किए.

उन्होंने बारातियों के लिए लजीज खाने का भी इंतजाम किया. आयोजकों में एक महफूज खान ने कहा कि हिंदू भाइयों ने इस नेक कार्य में योगदान दिया. धनालाल ने अपना खेत दे दिया. रात में तेज बारिश के कारण खेत गीला होने पर गिरीश सिंघल ने अपना नवनिर्मित गोदाम खोल दिया. इस काम में तीनों लोगों ने कोई मदद नहीं ली. धनालाल गौर को इस बात का मलाल है कि बारिश के कारण उनके मैदान में कार्यक्रम नहीं हो सका.

धनलाल गौर तीन दिन तक घर पर नहीं रहे. समारोह में शामिल हुए और तैयारियों में मदद की. शादी के वक्त वे खाने की व्यवस्था करते रहे और बरातियों के लिए खाना बनवाया. उन्होंने कहा कि तीन हजार से अधिक लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी.