अफगानिस्तान मध्य पूर्व में ‘लाल सोना’ के रूप में जाना जाने वाला केसर निर्यात करने को तैयार
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काबुल
अफगानिस्तान दुनिया के सबसे महंगे मसाले केसर को मध्य पूर्व में निर्यात करने की योजना बना रहा है.केसर को लाल सोना भी कहा जाता है और इसका उपयोग एशिया और मध्य पूर्व में चावल, समुद्री भोजन, मांस और कई मीठे व्यंजनों में रंग और स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है.
एक खबर के मुताबिक, पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के केसर को स्वाद और सुगंध के मामले में दुनिया का सबसे अच्छा केसर माना जाता है.अफगान केसर की कीमत 1,000 डॉलर प्रति किलोग्राम है और यह ईरान और स्पेन में पाए जाने वाले केसर से कम है.
अफगानिस्तान के उद्योग और व्यापार मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल सलाम ने कहा कि कई देश अफगान केसर की उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण इसका आयात करना चाहते हैं. इसकी सबसे ज्यादा डिमांड अरब और पश्चिमी देशों में है.मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में पिछले साल 51 हजार किलो से ज्यादा केसर की बिक्री हुई. हालाँकि अधिकांश केसर सीधे भारत को निर्यात किया जाता है. इस क्षेत्र के बाहर इसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भेजा जाता है, जहां इसे गुणवत्ता और कीमत के मामले में बाजार के विकास के अधिक अवसर माना जाता है.
अफगानिस्तान के उद्योग और व्यापार मंत्रालय और किसानों को उम्मीद है कि शरद ऋतु में कटाई के बाद फसल का निर्यात बढ़ेगा.प्रवक्ता ने कहा कि हमें यकीन है कि इस साल हेरात, निमरोज और बादगीज में इसकी खेती बढ़ेगी. हमें यह रिपोर्ट भी मिली है कि घोर और हेलमंड में केसर का उत्पादन बढ़ेगा.
काबुल में शाहना अफगान केसर के निदेशक हाजी हिम्मत ने कहा, सऊदी अरब और यूएई में केसर का खूब इस्तेमाल होता है. हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में इन देशों में केसर का निर्यात बढ़ेगा.तालिबान के सत्ता में आने के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अफगानिस्तान में उच्च गुणवत्ता वाले केसर के उत्पादन के बावजूद खाड़ी देशों को केसर का निर्यात प्रभावित हो सकता है.
हाजी हिम्मत ने कहा कि खाड़ी देशों में कई निवेशक अपने-अपने देशों में अफगान केसर के लिए बाजार बनाने में रुचि रखते हैं. अफगानिस्तान पर हाल के प्रतिबंधों ने केसर के निर्यात को प्रभावित किया है. अफगानिस्तान किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक केसर का उत्पादन कर सकता है.