ईरान में कुरान जलाने पर दो को सरेराह फांसी पर लटकाया, पैगंबर के अपमान का भी आरोप
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेहरान
हिजाब और बुर्का विवाद के बीच इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद साहब का अपमान करने, कुरान की प्रति जलाने और नास्तिकता को बढ़ावा देने के आरोप में यूसेफ मेहराद और सदरोल्लाह जारे को ईरान में सरेआम फांसी दे दी गई.ईरानी अधिकारियों ने इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप में सोमवार को दो लोगों को मौत के घाट उतारा.मिजान समाचार एजेंसी के अनुसार, इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद साहब का अपमान करने, कुरान की प्रति जलाने और नास्तिकता को बढ़ावा देने के लिए यूसेफ मेहराद और सदरोल्लाह जारे को मौत की सजा मिली.
ईरानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मई 2020 में कई धार्मिक-विरोधी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाने के लिए यूसेफ मेहराद और सदरोल्लाह जारे को गिरफ्तार किया गया था.
Criticizing Islam can get you killed in Iran. Today 2 Iranian men have been executed for the crime of “insulting Quran and the Prophet, apostasy”. Islamic Republic is ISIS but with oil and that is why the West is still legitimizing this barbaric regime. Otherwise the executions… pic.twitter.com/Kqq1EJI3TI
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) May 8, 2023
मार्च 2021 में प्रतिवादियों में से एक ने सामग्री पोस्ट करने की बात कबूली थी. ईरान के बाहर स्थित मानवाधिकार समूहों का मानना है कि उनसे स्वीकारोक्ति जबरदस्ती कराई गई. पिछले दो हफ्त के दौरान फांसी की श्रृंखला में सोमवार की फांसी नवीनतम घटना है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि चीन को छोड़कर ईरान दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में सालाना अधिक लोगों को मौत की सजा देता है.गैर-लाभकारी ईरानी मानवाधिकार संगठन के अनुसार, इस साल अब तक देश में कम से कम 203 कैदियों को फांसी दी जा चुकी है.
दो अधिकार समूहों ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में कहा था कि ईरानी अधिकारियों ने पिछले साल 582 व्यक्तियों को फांसी दी, जो 2021 से 75 प्रतिशत अधिक है. हिजाब विवाद के दौरान कुछ लोगों को गायब कर मौत के घाट उताने का भी ईरान पर आरोप लग चुका है. वैसे पश्चिम समर्थक मीडिया सुनियोजित तरीके से ईरान के खिलाफ प्रोपगंडा वार चलाती रही है.